कोरोना संकट : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से मांगी 1500 करोड़ की सहायता
मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से 1500 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से पहली बार नेशनल डिजास्टर एक्ट लगाया गया है. इसकी पूर्व सूचना भी राज्य सरकारों को नहीं दी गयी. अगर उन्हें पूर्व सूचना मिलती तो अपनी बात भी रखते. फिर भी कुछ छूट देने का अधिकार राज्य सरकारों के पास है.
कोलकाता : कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की स्थिति के मद्देनजर राज्य सरकार ने केंद्रीकृत कंट्रोल रूम शुरू किया है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को इसका फोन नंबर जारी किया. कंट्रोल रूम का टोल फ्री नंबर 1070 तथा लैंडलाइन नंबर 033-22143526 है. यह तीन शिफ्ट में काम करेगा.
राज्य सरकार की ओर से दो टास्क फोर्स भी शुरू की गयी है. एक टास्क फोर्स का नेतृत्व पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र तथा दूसरे की अगुआई मुख्य सचिव राजीव सिन्हा कर रहे हैं. टास्क फोर्स समन्वय और निगरानी का काम करेगी. मुख्यमंत्री ने पुलिस को निर्देश दिया है कि सब्जियों व जरूरी सामग्री ले जाने वाले मजदूरों को न रोका जाये. उन्हें परेशान न किया जाये. घर-घर अखबार पहुंचाने के लिए हॉकर कार्ड भी दिया जायेगा. मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार से 1500 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देने की मांग की है.
उन्होंने कहा कि सब्जी विक्रेताओं और खेतों में काम करने वाले किसानों को काम करने की मंजूरी दी जा रही है. यह सुनिश्चित करने के लिए पुलिस आयुक्त, पुलिस अधीक्षकों, एसडीओ, बीडीओ व थाना प्रभारियों को निर्देश दिया गया है.
यह देखा जायेगा कि कहीं खाने-पीने के सामान की कमी न हो. ‘प्राणधारा’ योजना के तहत जन स्वास्थ्य अभियंत्रिकी विभाग जलापूर्ति करेगा. बिजली, पुलिस, खाद्य विभाग भी यह सुनिश्चित करेंगे कि लोग जरूरी परिसेवा से वंचित न हों. कोलकाता नगर निगम और पुलिस की ओर से महानगर में 27 नाइट शेल्टर बनाये गये हैं. जो लोग फुटपाथ पर रहते हैं उन्हें वहां जाने के लिए कहा गया है. सरकार की ओर से उन्हें भोजन भी मुहैया कराया जायेगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से पहली बार नेशनल डिजास्टर एक्ट लगाया गया है. इसकी पूर्व सूचना भी राज्य सरकारों को नहीं दी गयी. अगर उन्हें पूर्व सूचना मिलती तो अपनी बात भी रखते. फिर भी कुछ छूट देने का अधिकार राज्य सरकारों के पास है. सुश्री बनर्जी ने कहा कि मौजूदा स्थिति के तहत केंद्र सरकार को सभी राज्य सरकारों की आर्थिक मदद करनी चाहिए. वह केंद्र से 1500 करोड़ रुपये के पैकेज की मांग करती हैं. इसकी वजह है कि बंगाल न केवल उत्तर पूर्व राज्यों का गेटवे है बल्कि कई दूसरे देशों की सीमाओं से उसकी सीमा भी सटी है.