संवाददाता, कोलकाता आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए 10 सूत्री मांगों को लेकर धर्मतला के डोरिना क्रॉसिंग पर सात जूनियर डॉक्टर पांच अक्तूबर से आमरण अनशन पर बैठे हैं. अब राज्य सरकार ने इस भूख हड़ताल को खत्म कराने के लिए पहल की है. राज्य सरकार ने आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों को बुधवार शाम को बैठक के लिए आमंत्रित किया. बैठक में शामिल होने के लिए 20 जूनियर डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य भवन पहुंचा. हालांकि बैठक बेनतीजा रही. बैठक के बाद जूनियर डॉक्टरों ने अपना आंदोलन जारी रखने का एलान किया. उन्होंने कहा: हम हताश हैं. मुख्य सचिव ने कोई भी नयी बात नहीं कही. हमारी मांगों को लेकर सरकार क्या कर रही है, इसके बारे में मुख्य सचिव ने कोई जवाब नहीं दिया. इसलिए अब आंदोलन जारी रखने के अलावा हमारे पास और कोई दूसरा रास्ता नहीं है. जूनियर डॉक्टरों ने कहा कि इस बैठक में हमें मुख्य सचिव से एक भी प्रश्न का जवाब नहीं मिलेगा, यह हमने कभी नहीं सोचा था. उधर, मुख्य सचिव मनोज पंत ने कहा कि जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधियों के साथ सकारात्मक बैठक हुई है. सरकार उनकी मांगों पर विचार कर रही है. एक ही दिन में सभी मांगों को पूरा कर पाना संभव नहीं है. इसलिए हमने उनसे समय मांगा है. जरूरत पड़ी तो हम आगे फिर बैठक करेंगे. बैठक में मुख्य सचिव मनोज पंत, स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम व डीजीपी राजीव कुमार मौजूद रहे. गौरतलब है कि इससे पहले मुख्य सचिव ने शाम 6.30 बजे ईमेल के माध्यम से पत्र देकर जूनियर चिकित्सकों को शाम 7.45 बजे सॉल्टलेक स्थित राज्य स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय ””स्वास्थ्य भवन”” में बुलाया था. उनके बुलावे पर जूनियर चिकित्सक रात 8.45 बजे के करीब स्वास्थ्य भवन पहुंचे. रात नौ बजे के बाद मुख्य सचिव के साथ जूनियर चिकित्सकों की बैठक शुरू हुई. जूनियर डॉक्टर फोरम के सदस्य देवाशीष हल्दर ने कहा कि मांगें पूरी न होने तक वे अपने स्टैंड पर कायम रहेंगे.
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