‘एक्सपायर्ड’ दवा चढ़ाने के मामले में होगी सीआइडी जांच : मुख्य सचिव

पश्चिम मेदिनीपुर जिले में स्थित मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में मरीजों को ‘एक्सपायर्ड’ दवा चढ़ाने के मामले में सीआइडी जांच के निर्देश दिये गये हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | January 14, 2025 2:25 AM

संवाददाता, कोलकाता

पश्चिम मेदिनीपुर जिले में स्थित मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में मरीजों को ‘एक्सपायर्ड’ दवा चढ़ाने के मामले में सीआइडी जांच के निर्देश दिये गये हैं. सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ बैठक की. बैठक में राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव नारायण स्वरूप निगम सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. बैठक के बाद मुख्य सचिव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मामले की दोहरी जांच की जायेगी. स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर पर जांच कर रहा है. अब मामले में सीआइडी (आपराधिक जांच विभाग) जांच का भी आदेश दिया गया है. सोमवार से ही सीआइडी को मामले की जांच शुरू करने के लिए कहा गया. एक सवाल के जवाब में मुख्य सचिव ने बताया कि सीआइडी इस बात का पता लगायेगी कि कोई प्रणालीगत त्रुटि का मामला है या नहीं. इस बात की भी जांच की जायेगी कि दवा कंपनी को ठेका देने में कहीं नियमों की अनदेखी तो नहीं हुई है. वित्तीय लेन-देन का मामला तो नहीं है. गौरतलब है कि मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कथित तौर पर एक्सपायर्ड दवा चढ़ाने से प्रसव के बाद एक महिला की मौत हो गयी और चार अन्य गंभीर रूप से बीमार हो गयीं. तीन प्रसूताओं का इलाज एसएसकेएम (पीजी) में किया जा रहा है. श्री पंत ने कहा कि मामले में स्वास्थ्य विभाग इस बात की जांच करेगा कि किस-किस अधिकारी की लापरवाही है. दवा की निरंतर जांच करने वाले अधिकारियों ने अपना काम सही से किया या नहीं. स्वास्थ्य विभाग को तीन दिन के अंदर रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है. मुख्य सचिव ने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जायेगा. दोषी अधिकारियों पर की जानेवाली कार्रवाई के संबंध में श्री पंत ने कहा कि रिपोर्ट मिलने के बाद ही यह तय किया जायेगा.

राज्य सचिवालय से मिली जानकारी के अनुसार, बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव के साथ ही विभाग के अन्य अधिकारियों के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इस घटना के पीछे जिसकी भी लापरवाही है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. इस प्रकार की घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. बताया गया है कि इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग के 10 अधिकारी और 10 विशेषज्ञ चिकित्सक मौजूद थे.

मुख्य सचिव ने बताया कि नियमों के अनुसार, एक वरिष्ठ चिकित्सक के नेतृत्व में ही कोई जूनियर डॉक्टर ऑपरेशन कर सकता है. लेकिन घटना के दिन सीनियर डॉक्टर उपस्थित नहीं थे. इसकी भी जांच की जा रही है. किसकी लापरवाही के कारण यह घटना हुई है, इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट तलब की गयी है.

गौरतलब है कि घटना को लेकर आरोप लगाया जा रहा है कि महिला की मौत ‘एक्सपायर्ड’ सलाइन चढ़ाने की वजह से हुई है. दवा कंपनी की सलाइन को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब में भेजा गया है. 14 दिन बाद इसकी रिपोर्ट आयेगी. मामले में इसकी भी जांच की जा रही है कि क्या सलाइन (इंट्रावेनस फ्लूइड) के अलावा घटना अन्य दवाओं के साइड इफेक्ट के कारण हुई है.

प्राथमिक जांच में ‘मानवीय गलती’ की बात आयी सामने

पंत ने कहा कि इस घटना को लेकर 15 चिकित्सकों की टीम ने राज्य सचिवालय में प्राथमिक जांच रिपोर्ट पेश की है. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि ‘मानवीय गलती’ के कारण यह घटना हुई है. अब मामले की विस्तृत जांच का आदेश दिया गया है. श्री पंत ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को तीन दिन में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है और रिपोर्ट सामने आने के बाद ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया जायेगा.

क्या है मामला

मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में प्रसव के बाद कथित तौर पर इस्तेमाल की अवधि खत्म हो चुके ‘इंट्रावेनस फ्लूइड’ (शरीर में पानी की कमी को दूर करने के लिये नसों के माध्यम से दिया जाने वाला तरल) के इस्तेमाल के कारण एक महिला की मौत हो गयी तथा चार अन्य गंभीर रूप से बीमार हो गयीं. तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर रविवार को बीमार तीन महिलाओं को कोलकाता लाकर एसएसकेएम (पीजी) अस्पताल में भर्ती करवाया गया. मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने 15 सदस्यीय समिति का गठन किया है.

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