शहर की निकासी व्यवस्था फिर ध्वस्त, 25 से अधिक वार्ड जलमग्न
शनिवार दोपहर को हुई डेढ़ घंटे की मूसलाधार बारिश को थमे 24 घंटे से अधिक समय बीत गया है, लेकिन इस बारिश ने शहर की निकासी व्यवस्था को फिर से पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया.
पानी निकालने के लिए लगाये गये हैं 60 से अधिक पंप
संवाददाता, हावड़ा
शनिवार दोपहर को हुई डेढ़ घंटे की मूसलाधार बारिश को थमे 24 घंटे से अधिक समय बीत गया है, लेकिन इस बारिश ने शहर की निकासी व्यवस्था को फिर से पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया. निगम की तमाम कोशिशों के बाद भी 25 से अधिक वार्डों में जलजमाव है. सबसे बदतर हालत उत्तर हावड़ा की है. घुसुड़ी और सलकिया के अधिकतर इलाकों में घुटनेभर पानी जमा हुआ है.
यहां की मुख्य सड़कें भी जलमग्न हैं. साथ ही बाली, लिलुआ, मध्य हावड़ा के टिकियापाड़ा, बेलिलियस रोड सहित दक्षिण हावड़ा के कई इलाकों में पानी जमा हुआ है. बेलगछिया इलाके की भी स्थिति दयनीय है. बेलगछिया मोड़ पर जलजमाव होने से दुकानें बंद हैं. बेलगछिया मोड़ से सलकिया मोड़ तक (बनारस रोड) जगह-जगह पर जलजमाव है. सोमवार को स्कूल-कॉलेज जाने वाले विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को भारी परेशानी का सामना करना होगा.
वहीं, हमेशा की तरह हावड़ा नगर निगम जलजमाव से निबटने की भरसक कोशिश कर रहा है. पानी निकालने के लिए 60 से अधिक पंप लगाये गये हैं. पोर्टेबल पंप की भी मदद ली जा रही है. हाल ही में राज्य सरकार से मिले दो बड़े पंपों को भी काम में लगाया गया है, लेकिन कुछ जगहों को छोड़कर अब भी शहर के अधिकतर इलाकों में जलजमाव है.
निगम के प्रशासनिक बोर्ड के चेयरमैन डॉ सुजय चक्रवर्ती ने कहा कि राज्य सरकार से मिले दो बड़े पंप को पानी निकालने के लिए लगाया गया है. एक पंप कोना एक्सप्रेस वे के पास और दूसरा बनारस रोड पर लगा है. डॉ चक्रवर्ती ने कहा कि नदी का जलस्तर बढ़ने से पानी निकलने में समय लग रहा है. पंप की मदद से पानी को निकाला जा रहा है, लेकिन जब तक नदी का जलस्तर सामान्य नहीं होगा, जल-जमाव पर काबू पाना बेहद मुश्किल साबित होगा.
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