द्रोह कार्निवल लोगों को साथ लाने में रहा सफल

आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले में पीड़िता को न्याय दिलाने व कार्यस्थल पर सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग को लेकर कनिष्ठ चिकित्सकों का आमरण अनशन बुधवार को लगातार 12वें दिन भी जारी रहा. चिकित्सकों की भूख हड़ताल पांच अक्तूबर को शुरू हुई और इसी दिन से हड़ताल पर बैठे उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के चिकित्सक डॉ सौरभ दत्ता को मंगलवार शाम अस्पताल में भर्ती कराया गया. जलपाईगुडी स्थित अस्पताल के सीसीयू में उनका उपचार किया जा रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 16, 2024 11:03 PM

कोलकाता.

आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले में पीड़िता को न्याय दिलाने व कार्यस्थल पर सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग को लेकर कनिष्ठ चिकित्सकों का आमरण अनशन बुधवार को लगातार 12वें दिन भी जारी रहा. चिकित्सकों की भूख हड़ताल पांच अक्तूबर को शुरू हुई और इसी दिन से हड़ताल पर बैठे उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के चिकित्सक डॉ सौरभ दत्ता को मंगलवार शाम अस्पताल में भर्ती कराया गया. जलपाईगुडी स्थित अस्पताल के सीसीयू में उनका उपचार किया जा रहा है. इस भूख हड़ताल में मंगलवार को स्पंदन चौधरी और रूमेलिका कुमार भी शामिल हो गये. कनिष्ठ चिकित्सकों ने बुधवार को दावा किया कि मंगलवार का ‘द्रोह कार्निवल’, न्याय के साथ-साथ अपनी सुरक्षा की मांग के लिए आवाज उठाने की खातिर सभी वर्ग के लोगों को अधिकाधिक संख्या में एक साथ लाने में ‘सफल’ रहा.

उन्होंने अपने आंदोलन को और तेज करने की बात कही. आंदोलनकारी चिकित्सक देवाशीष हाल्दार ने कहा : मंगलवार को दुनिया ने देखा कि लोग न्याय पाने के लिए कितने उत्सुक हैं. हमें यह देखकर खुशी हो रही है कि इतने सारे लोग, खास तौर पर आम नागरिक इस नेक काम के लिए हमारे साथ हैं. उन्होंने कहा कि आमरण अनशन पर बैठे अन्य चिकित्सकों की स्वास्थ्य स्थिति भी बिगड़ रही है. उन्होंने कहा : अगर कोई और बीमार पड़ता है, तो हम स्थिति से निबटने के लिए तैयार हैं. हम अपने सहयोगियों के लिए जान देने को तैयार हैं.

प्रदर्शनकारी चिकित्सक आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में मृत पायी गयी महिला चिकित्सक के लिए न्याय और राज्य के स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम को तत्काल पद से हटाने की मांग कर रहे हैं. उनकी अन्य मांगों में राज्य के सभी अस्पतालों व चिकित्सा महाविद्यालयों के लिए केंद्रीकृत रेफरल प्रणाली की स्थापना करना, बिस्तर रिक्ति निगरानी प्रणाली का कार्यान्वयन और कार्यस्थलों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना, ‘ऑन-कॉल रूम’ व शौचालय आदि के लिए आवश्यक प्रावधान सुनिश्चित करने के वास्ते कार्यबल का गठन शामिल हैं.

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