कलाकारों के बहिष्कार के मुद्दे पर तृणमूल में घमासान जारी

अभिषेक ने कहा : कुणाल घोष के बयान से पार्टी का लेना-देना नहींउधर, कल्याण बनर्जी व ब्रात्य बसु ने कुणाल के बयान का किया समर्थन

By Prabhat Khabar News Desk | January 4, 2025 12:56 AM

कोलकाता. आरजी कर कांड को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन करने वाले कलाकारों का बहिष्कार करने के मामले में अब तृणमूल कांग्रेस के अंदर ही घमासान पैदा हो गया है. पार्टी के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने कलाकारों का बहिष्कार करने का आह्वान किया था. इस पर तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि यह कुणाल घोष का निजी बयान है. इससे पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है. इसी बीच, कुणाल घोष के बयान का सांसद कल्याण बनर्जी व शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने भी समर्थन किया है. शुक्रवार को तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि आरजी कर कांड के समय बहुतों को कुछ कहते नहीं देखा गया. सिर्फ कुणाल घोष और मैं ही इस बारे में कुछ न कुछ कहते रहे. हमारे लोगों को पकड़-पकड़कर निलंबित किया गया था. कुणाल घोष उनके समर्थन में खड़े हुए थे और मैंने उनके लिए मुकदमा लड़ा था. उस समय कोई सामने नहीं आया. उन्होंने कलाकारों के बहिष्कार मुद्दे पर कहा कि जो कलाकार राज्य की योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं और सरकारी कार्यक्रमों में प्रस्तुति पेश कर आमदनी कर रहे हैं, अगर वह सरकार या मुख्यमंत्री के खिलाफ कुछ भी कहें तो उनका बहिष्कार करना चाहिए. अगर वह भी किसी कार्यक्रम में जाते हैं और वहां ऐसे कलाकारों को आमंत्रित किया जाता है, जिन्होंने राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था, तो वह भी इसका विरोध करेंगे. वहीं, शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने कहा कि पार्टी में अभिषेक का स्थान मुझसे ऊंचा है. इसलिए अभिषेक सही हैं या कुणाल, मैं यह नहीं कहूंगा. लेकिन पार्टी के सदस्य के तौर पर इतना जरूर कहूंगा कि पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी का मत ही मेरा मत है. बसु ने तो यहां तक कह दिया कि पार्टी के अंदर अभी दो मत चल रहे हैं. मालूम रहे कि कुणाल ने प्रश्न किया था कि आरजी कर कांड को लेकर बंगाल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करनेवाले कलाकारों को तृणमूल नेताओं की ओर से आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों में क्यों आमंत्रित किया जा रहा है. उनका बहिष्कार किया जाना चाहिए. विरोधी दलों ने कुणाल के इस बयान की निंदा की थी. भाजपा विधायक अग्निमित्रा पाल ने कहा था कि इससे तृणमूल की विकृत मानसिकता फिर उजागर हो गयी है. अपनी प्रतिभा के लिए राज्य सरकार से सम्मान पाने वाले अथवा सरकारी कार्यक्रमों में भाग लेने वाले कलाकारों को क्या कुछ गलत दिखने पर सरकार का विरोध करने का अधिकार नहीं है? वहीं, माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने कहा था कि यह एक तरह का फतवा है.

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