सबूतों के अभाव में एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनाया फैसला
संवाददाता, कोलकाताविधाननगर एमपी-एमएलए कोर्ट ने साल 2018 में दर्ज एक मामले में तृणमूल कांग्रेस के विधायक डॉ निर्मल माझी को क्लीनचिट दे थी. उन पर वित्तीय भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी का मामला दर्ज हुआ था. आरोप था कि राजनीतिक प्रभाव डालकर एवं पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष पद का व्यवहार कर वह काउंसिल के सार्वजनिक फर्म का निजी उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करते थे. डॉक्टर कुणाल साहा ने 2018 में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी. विधाननगर एमपी-एमएलए कोर्ट ने सोमवार को मामले की सुनवाई करते हुए विधायक को मामले से बरी कर दिया. मामले में दोषी पाये जाने पर तृणमूल विधायक को 10 साल तक की जेल हो सकती थी. लेकिन एमपी-एमएलए कोर्ट के जज देवदत्त रॉय शर्मा ने पर्याप्त सबूतों के अभाव में उन्हें रिहा कर दिया. मामले की सुनवाई के दौरान निर्मल माझी सशरीर कोर्ट में उपस्थित थे. इससे पहले जून 2015 में निर्मल माझी का नाम एसएसकेएम के नेफ्रोलॉजी विभाग में कुत्ते के डायलिसिस कांड से जुड़ा था. आरोप था कि माझी के एक रिश्तेदार के कुत्ते की वहां डायलिसिस की गयी थी.
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