17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मुख्यमंत्री ने डीवीसी पर पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ने का लगाया आरोप

मुख्यमंत्री ने कहा कि डीवीसी के स्वामित्व और रखरखाव वाले मैथन और पंचेत बांधों से लगभग पांच लाख क्यूसेक पानी अभूतपूर्व, अनियोजित और एकतरफा तरीके से छोड़ा गया, जिसकी वजह से दक्षिण बंगाल के सभी जिले विनाशकारी बाढ़ में डूब गये हैं.

कोलकाता.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को लिखे पत्र में डीवीसी पर गंभीर आरोप लगाये हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि डीवीसी के स्वामित्व और रखरखाव वाले मैथन और पंचेत बांधों से लगभग पांच लाख क्यूसेक पानी अभूतपूर्व, अनियोजित और एकतरफा तरीके से छोड़ा गया, जिसकी वजह से दक्षिण बंगाल के सभी जिले विनाशकारी बाढ़ में डूब गये हैं. इससे आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. ममता बनर्जी ने चेतावनी देते हुए लिखा कि यदि यह एकतरफा दृष्टिकोण जारी रहा, जिससे बंगाल के लोगों को कठिनाई का सामना करना पड़े, तो हमारे पास डीवीसी से पूरी तरह से अलग होने और अपनी भागीदारी वापस लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा. हम इस जारी अन्याय को साल दर साल अपने लोगों को प्रभावित करने की अनुमति नहीं दे सकते.

डीवीसी से की गयी थी बार-बार पानी नहीं छोड़ने की अपील

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पिछले दिनों भारी बारिश से यहां की नदियां पहले से ही खतरे के निशान के ऊपर बह रही थीं. ऐसे में डीवीसी ने विभिन्न चरणों में पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ दिया. मुख्यमंत्री ने दावा किया कि राज्य सरकार के अधिकारियों ने डीवीसी को समय-समय पर छोड़े जाने वाले पानी को रोकने का अनुरोध भी किया था. उन्होंने खुद 16 सितंबर की रात को डीवीसी के अध्यक्ष से फोन पर बात की थी, फिर भी डीवीसी ने पानी छोड़ दिया.

प्रबंधन ने राज्य के आवेदन पर कोई ध्यान नहीं दिया.

2009 के बाद राज्य में आयी है भीषण बाढ़, कई जिले बुरी तरह से प्रभावित

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि बाढ़ से राज्य के पूर्व बर्दवान, पश्चिम बर्दवान, बीरभूम, बांकुड़ा, हावड़ा, हुगली, पूर्व मेदिनीपुर व पश्चिम मेदिनीपुर जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. राज्य के निचले दामोदर और आसपास के इलाके वर्ष 2009 के बाद सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहे हैं. डीवीसी द्वारा छोड़े गये पानी की वजह से लगभग 1,000 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र जलमग्न हो गया. राज्य के लगभग 50 लाख किसानों की फसल को नुकसान पहुंचा है. उनके घर व मवेशी सहित निजी संपत्तियों का नुकसान पहुंचा है. सीएम ने कहा कि डीवीसी के इस उदासीन रवैये की वजह से हम इसे ‘मानव निर्मित बाढ़’ कह रहे हैं. अगर डीवीसी पांच लाख क्यूसेक पानी नहीं छोड़ता, तो यह स्थिति पैदा नहीं होती.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें