बैरकपुर. जूनियर डॉक्टर अपना वेतन बढ़ाने के लिए अनशन नहीं कर रहे हैं और न ही अपनी सुविधा के लिए. वे लोग आम लोगों के लिए अनशन कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास कार्निवल करने के लिए समय है, लेकिन अनशनकारियों से बात करने के लिए नहीं. राज्य सरकार उनकी मांगों की ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है. यह आरोप आरजी कर कांड की पीड़िता की मां ने लगाया. मंगलवार को पीड़िता की मां ने अनशनकारियों से कहा कि अगर कोई बीमार पड़ रहा है, तो वह तुरंत अस्पताल जाये. अपनी जान जोखिम में न डाले. दूसरा कोई उसकी जगह अनशन में सहयोग करे. उन्होंने कहा कि वह अपनी बेटी खोयी हैं. वह नहीं चाहतीं कि किसी की जान जाये. उन्होंने कहा कि इस घटना के सभी आरोपी पकड़े जायेंगे, क्योंकि इस आंदोलन से विश्व की जनता जुड़ी है. उन्होंने कहा कि कोलकाता में डॉक्टरों के ‘द्रोह कार्निवल’ की अनुमति लोगों की नैतिक जीत है. ममता बनर्जी बंद करना चाहती थीं, लेकिन नहीं कर पायीं. हाइकोर्ट ने ऑर्डर दिया, जिसके बाद पुलिस को बैरिकेड हटाना पड़ा. पुलिस ही बैरिकेड लगायी थी और उसे ही हटाना भी पड़ा. पुलिस को शर्म आनी चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि आरजी कर घटना में सारे तथ्यों को नष्ट करने में पुलिस ने ही सहयोग किया. पुलिस ही पूरी तरह से जिम्मेवार है, इसलिए कोर्ट में पुलिस को फटकार भी मिली. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का समर्थन करते हुए कहा कि सिविक वॉलंटियर से कभी सुरक्षा सुनिश्चित नहीं हो सकती है.
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