कोलकाता : रवींद्र जयंती (Ravindra Jayanti) पर हावड़ा ब्रिज (Howrah Bridge) को तिरंगे लाइट से सजाया गया है. कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट (Kolkata Port Trust) ने कोरोना मुकाबले के लिए आशा की किरण प्रतीक के रूप में ब्रिज को तिरंगे लाइट से सजाया है. हावड़ा ब्रिज को रवींद्र सेतु ब्रिज (Ravindra Setu Bridge) के भी नाम से जाना जाता है.
कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संजय मुखर्जी ने बताया कि कोरोना महामारी के बीच यह तिरंगा लाइट से सजा ब्रिज आशा की किरण का प्रतीक है. इसमें सफेद रंग को कोरोना वैरियर्स को समर्पित है, जबकि अन्य तीन रंग लाल, नारंगी और हरा क्रमशः रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन का प्रतीक है.
गेटवे आफ कोलकाता के नाम से मशहूर इस ब्रिज के 75 साल पूरे होने पर वर्ष 2018 में भी भव्य तरीके से सजाया गया था. वर्ष 1937 से 1942 के बीच इस हावड़ा ब्रिज को आमलोगों के लिए तीन फरवरी 1943 को खोल दिया गया था. 14 जून, 1965 को इस ब्रिज का नाम बदलकर महान कवि व नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्र नाथ टैगोर के नाम पर रवींद्र सेतु कर दिया गया. इसके अलावा कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के 150 साल पूरे होने पर जनवरी 2020 में भी रवींद्र सेतु को रंगीन लाइट से जगमग किया गया था.
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आपको जानकर आश्चर्य होगा कि कोलकाता और हावड़ा को जोड़ने वाला रवींद्र सेतु (हावड़ा ब्रिज) का आज तक उद्घाटन नहीं हुआ है. जब यह ब्रिज तैयार हुआ था, उस समय द्वितीय विश्व युद्ध चरम पर था. इस कारण यह तय हुआ था कि इसके उद्घाटन के मौके पर कोई धूमधाम नहीं होगी. शुरुआत में इस ब्रिज का नाम न्यू हावड़ा ब्रिज था, क्योंकि यह कोलकाता और हावड़ा को जोड़ता है. इसके बाद इसका नाम बंगाल का महान कवि गुरु रवींद्रनाथ टैगोर के नाम पर रवींद्र सेतु रखा गया, लेकिन अभी भी यह हावड़ा ब्रिज के नाम से लोकप्रिय है.