कोलकाता. आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के मकान के एक हिस्से को अवैध बताया गया है. इस संबंध में एक शख्स ने कोलकाता नगर निगम में शिकायत भी दर्ज करायी है, जिसके आधार पर इस मामले की सुनवाई निगम के बिल्डिंग विभाग में बुधवार को हुई थी. पर इस सुनवाई से शिकायतकर्ता अंशुमान सरकार संतुष्ट नहीं हैं. ऐसे में फिर उन्होंने कोलकाता नगर निगम के डायरेक्टर जनरल बिल्डिंग से लिखित शिकायत की है. उन्होंने कहा कि संदीप घोष की इमारत को जांच के दौरान निगम के अधिकारियों ने निशान लगाया था, जिसे अब मिटा दिया गया है. ऐसे में अंशुमान सरकार ने गुरुवार में संवाददाताओं को बताया कि फिलहाल निगम को योग्य हियरिंग ऑफिसर की जरूरत है. उनका आरोप है कि कलकत्ता नगर निगम संदीप घोष की अवैध इमारत को बचाने की कोशिश कर रहा है. उन्होंने बताया कि अगर निगम में निष्पक्ष सुनवाई नहीं होती है, तो वह जनवरी में कलकत्ता हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटायेंगे. आरोप है कि संदीप घोष के मकान का एक हिस्सा अवैध रूप से बनाया गया है.
इस संबंध में अंशुमान सरकार द्वारा आरजी कर कांड के बाद शिकायत की गयी थी. इस शिकायत पर सुनवाई बुधवार को निगम के बिल्डिंग विभाग में हियरिंग ऑफिसर ने की. शिकायतकर्ता अंशुमान पेशे से स्ट्रक्चरल इंजीनियर हैं. उनकी शिकायत के आधार पर ही जांच चल रही है. उनका आरोप है कि संदीप के मकान के ऊपरी हिस्से को अवैध रूप से तैयार किया गया है. इमारत की ऊंचाई नगर निगम की निर्धारित माप 12.5 मीटर से अधिक है, जो अवैध है.
सुनवाई के बाद भवन निर्माण विभाग के अधिकारियों द्वारा दी गयी रिपोर्ट से शिकायतकर्ता अंशुमान सरकार नाराज हैं. उन्होंने दावा है कि सुनवाई में पारदर्शिता नहीं बरती गयी और अधूरी रिपोर्ट पेश की गयी है. उनका यह भी आरोप है कि संदीप के घर का कोई मूल नक्शा नहीं है.
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