10 मिनट में दवा पहुंचाने पर जतायी चिंता
एआइओसीडी के अध्यक्ष जेएस शिंदे ने कहा कि हम ई-मार्केट कंपनियों के साझेदारी से चिंतित हैं, जो स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर जोखिम पैदा करती है.
डार्क स्टोर के जरिये 10 मिनट में दवाई पहुंचाने को लेकर सवाल कोलकाता. फार्मासिस्टों के प्रमुख संगठन ऑल इंडिया ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ़ केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट (एआइओसीडी) ने ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया (डीजीसीआइ) को पत्र लिखकर 10 मिनट के भीतर ई-मार्केट कंपनियों द्वारा दवाइयां पहुंचाने की पहल पर चिंता जाहिर की है. एआइओसीडी के अध्यक्ष जेएस शिंदे ने कहा कि हम ई-मार्केट कंपनियों के साझेदारी से चिंतित हैं, जो स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर जोखिम पैदा करती है. उन्होंने कहा कि बिना किसी प्रिस्क्रिप्शन जांच और मरीज़ की पहचान जैसे मानकों की अनदेखी नागरिकों के स्वास्थ्य को ख़तरे में डाल सकती है. श्री शिंदे ने ज़ोर देकर कहा कि एआइओसीडी, पारंपरिक केमिस्टों की भूमिका को बनाये रखने और सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरों का विरोध करने के लिए प्रतिबद्ध है. एआइओसीडी के महासचिव राजीव सिंघल ने कहा कि यह साझेदारी एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध (एएमआर) से निबटने के सरकारी प्रयासों को भी कमजोर करती है और इसमें दवा की गुणवत्ता तथा रोगी सुरक्षा से समझौता किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हम सरकार से इन मुद्दों की गहन समीक्षा करने का आग्रह करते हैं. पश्चिम बंगाल में फार्मा खुदरा विक्रेताओं और थोक विक्रेताओं के एक प्रमुख संघ, ऑल इंडिया ऑर्गनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स (एआइओसीडी) के तहत बंगाल केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन (बीसीडीए) ने भी डार्क स्टोर्स के माध्यम से 10 मिनट में दवाएं पहुंचाने के लिए ई-मार्केट कंपनियों की पहल पर गंभीर चिंता व्यक्त की है. इस संबंध में बंगाल केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्ट्स एसोसिएशन (बीसीडीए) के महासचिव पृथ्वी बोस ने कहा कि सरकार को इस प्रकार के समझौता व कार्यकलाप की तत्काल समीक्षा कर आवश्यक कदम उठाने चाहिए, ताकि भारतीय कानूनों और स्वास्थ्य सेवा मानकों का अनुपालन सुनिश्चित हो सके. इससे भारत में दवा वितरण और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बनाए रखने में मदद मिलेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है