कोलकाता. आवासीय इमारतों को कॉमर्शियल में बदलना कानून अपराध की श्रेणी में रखा जायेगा. क्योंकि, इस तरह के मामलों में जोखिम हो सकता है. इससे निगम को आर्थिक नुकसान हो रहा है और लोगों की जान भी जा सकती है. मेयर ने बताया कि आवासीय इमारतों में 42 तरह के छोटे-छोटे व्यवसाय रेजिडेंशियल इमारतों में किये जा सकते हैं. लेकिन रेजिडेंशियल इमारतों को कॉमर्शियल में तबदील कर रेस्टोरेंट, हुक्का बार आदि को नहीं चलाया जा सकता है. इससे आग लगने पर लोगों की जान जा सकती है. क्योंकि, आम तौर पर रेजिडेंशियल इमारतों के फायर फाइटिंग की सुविधा कॉमर्शियल की तरह नहीं होती है, इसलिए कोलकाता नगर निगम के बिल्डिंग विभाग को कड़ाई के साथ नजर रखने का निर्देश दिया गया है. यह जानकारी मेयर फिरहाद हकीम ने दी. उन्होंने बताया कि रेजिडेंशियल इमारत को कॉमर्शियल इमारत में नहीं तबदील किया जायेगा. इसके लिए कड़े कानून की जरूरत है. ऐसे में मेयर ने कहा कि बिल्डिंग विभाग को निर्देश दिया गया है कि किसी भी इमारत को रेजिडेंशियल से कॉमर्शियल में बदले जाने से पहले पूरी तरह से जांच कर ली जाय कि वहां किसी तरह का बिजनेस या व्यापारिक कार्य होगा. मेयर ने बताया कि किसी इमारत को रेजिडेंशियल से कॉमर्शियल में बदले जाने से निगम को आर्थिक रूप से भी नुकसान पहुंचता है.
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