Coronavirus Outbreak: निजामुद्दीन के तब्लीगी जमात पर लगे पूर्ण प्रतिबंध, विश्व हिंदू परिषद ने की मांग
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने तब्लीगी जमात व उसके निजामुद्दीन मरकज पर प्रतिबंध लगाने की मांग की. विहिप के केंद्रीय संयुक्त महासचिव डॉ सुरेंद्र जैन ने कहा है कि हम सभी भारतीयों का जीवन संकट में डालने वाले तब्लीगी जमात के आर्थिक श्रोतों का पता लगाकर उसके बैंक खातों, कार्यालयों व कार्यकलापों पर अबिलंब विराम लगाया जाए.
कोलकाता : विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने तब्लीगी जमात व उसके निजामुद्दीन मरकज पर प्रतिबंध लगाने की मांग की. विहिप के केंद्रीय संयुक्त महासचिव डॉ सुरेंद्र जैन ने कहा है कि हम सभी भारतीयों का जीवन संकट में डालने वाले तब्लीगी जमात के आर्थिक श्रोतों का पता लगाकर उसके बैंक खातों, कार्यालयों व कार्यकलापों पर अबिलंब विराम लगाया जाए.
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उन्होंने कहा कि आठ दिन के लॉकडाउन के कठिन परिश्रम के बाद पूरा देश राहत की सांस ले रहा था. कोरोना पीड़ितों की वृद्धि दर मात्र 2.8 रह गयी थी. तभी 30 मार्च को मरकज निजामुद्दीन में एक भयंकर विस्फोट हुआ. वहां से 2300 से अधिक तब्लीगियों को निकाला गया, जिनमें से 500 कोरोना पीड़ित थे और 1800 को क्वारंटाइन करना पड़ा.
नौ हजार से अधिक तब्लीगी पूरे देश में कोरोना वायरस फैला रहे हैं. 31 तारीख को वृद्धि दर अचानक बढ़कर 43.02 फीसदी हो गयी. उन्होंने कहा कि इससे सारा देश सकते में आ गया. मस्जिदों मदरसों में छिपे हुए देशी-विदेशी संक्रमित मौलवियों की धर-पकड़ होने लगी. इनके कारण सामुदायिक संक्रमण की संभावनायें बढ़ गयी.
14-15 मार्च को मुंबई में 2 से 3 लाख तब्लीगियों का इज्तेमा होना वाला था. विहिप के विरोध के कारण उसे रोक दिया गया. अगर वह हो जाता तो पहले से ही कोरोना में नंबर एक पर महाराष्ट्र के साथ पूरे देश की स्थिति क्या होती इसकी आज कल्पना भी नहीं की जा सकते.
डॉ जैन ने कहा कि अपने इस घोर अपराध के लिए शर्मिंदगी महसूस करने की जगह इन संक्रमित मौलवियों को छुपाने के लिए पुलिसकर्मियों व स्वास्थ्य कर्मियों को देश की पचासियों बस्तियों में दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया. इनकी ही जान बचाने गये डॉक्टरों पर हमले किये गये. क्वारेंटाइन किये गये तब्लीगी नर्सों के साथ अश्लील हरकतें करने लगे और डॉक्टरों पर थूकने लगे.
नरेला के क्वारेंटाइन सेंटर में तो सेना के चिकित्सकों और सैनिकों को ही बुलाना पड़ा. विहिप के संयुक्त महासचिव ने यह भी कहा कि कोरोना पीड़ित व्यक्तियों की संख्या में से आधे से अधिक संख्या तब्लीगी, मौलवी या उनसे संक्रमित लोगों की है.