कोलकाता : कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर राज्य सरकार की ओर से सोमवार शाम पांच बजे से कोलकाता सहित राज्य के 23 जिलों में लॉकडाउन की घोषणा की गयी है. यह लॉकडाउन 27 मार्च तक रात 12 बजे तक लागू रहेगा. केंद्र सरकार के प्रस्ताव को मानते हुए राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है.
केंद्र का कहना था कि कोलकाता में बड़ी तादाद में लोग जिलों से काम करने के लिए आते हैं. लिहाजा संक्रमण के पूरे राज्य में फैलने का खतरा है. इसपर रोक लगाने के लिए लॉकडाउन ही एकमात्र उपाय है. गौरतलब है कि सोमवार से ही देश भर के साथ-साथ राज्य में भी लोकल ट्रेनें आगामी 31 मार्च तक बंद रखने की घोषणा की गयी है.
इसके अलावा मेट्रो रेल की ओर से भी 31 मार्च तक अपनी परिसेवा को बंद रखने की घोषणा कर दी गयी है. विशेषज्ञों के मुताबिक जिन देशों ने कोरोना का सफलता से मुकाबला किया है उन्होंने लॉकडाउन का ही रास्ता अपनाया है. राज्य भर में कोरोना से संक्रमित चार मरीज पाये गये हैं.
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री के कैबिनेट सचिव व प्रधान सचिव ने रविवार को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की थी. देश के 75 जिलों में केवल अत्यावश्यक परिसेवाओं को ही चालू रखने का फैसला लिया गया. राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि ‘कमप्लीट सेफ्टी रेस्ट्रीक्शन’ के तहत ऐसा किया जा रहा है.
इसके तहत कोई जन परिवहन परिसेवा नहीं चलेगी जिनमें टैक्सी व ऑटो रिक्शा भी शामिल हैं. हालांकि अस्पताल, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड/टर्मिनल जाने या वहां से आने के लिए परिवहन की मंजूरी होगी. इसके अलावा खाद्य और जरूरी सामग्रियों के परिवहन की इजाजत होगी.
सभी दुकानें, वाणिज्यिक प्रतिष्ठान, कार्यालय व फैक्टरी, वर्कशॉप, गोदाम आदि का कामकाज बंद रहेगा. विदेश से लौटने वाले या स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा जरूरी समझे जाने वाले लोगों को निर्देश दिया जाता है कि वह घर में रहें जिसकी अवधि स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी तय करेंगे.
लोगों को घरों में रहना होगा और बाहर केवल मूलभूत परिसेवा के लिए आ सकते हैं और पहले से घोषित दिशानिर्देश के तहत सामाजिक दूरी कायम रखनी होगी.
इनमें कानून-व्यवस्था, अदालत और जेल, स्वास्थ्य परिसेवा, पुलिस, सशस्त्र बल व अर्द्ध सैनिक बल, बिजली, पानी व कंजर्वेंसी, अग्निशमन, सिविल डिफेंस और आपातकालीन परिसेवा, टेलीकॉम, इंटरनेट, आइटी व आटीइएस तथा पोस्टल सेवा, बैंक व एटीएम, पीडीएस समेत खाद्य, किराना, सब्जी, फल, मीट, मछली, ब्रेड व दूध विक्रेता, किराने का इ-कॉमर्स, खाद्य सामग्री, खाने की होम डिलीवरी, पेट्रोल पंप, एलपीजी गैस, तेल एजेंसियों, उनके गोदाम व परिवहन, दवा दुकान, चश्मे की दुकान, फार्मास्यूटिकल उत्पादन और उनका परिवहन, उत्पादन इकाइयां जिन्हें लगातार प्रोसेसिंग की जरूरत होती है वह डीएम से मंजूरी के बाद काम कर सकते हैं. प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया व सोशल मीडिया, जरूरी सामग्रियों के उत्पादन से जुड़ी इकाइयां शामिल हैं.
पब्लिक प्लेस पर एकसाथ सात लोगों की मौजूदगी पर पाबंदी रहेगी. यदि किसी संस्थान के जरूरी होने के संबंध में कोई शक हो तो डीएम/म्यूनिसिपल कमिश्नर इस संबंध में फैसला करेंगे. उपरोक्त निर्देशों को लागू करने के लिए सभी डीएम, पुलिस आयुक्त, निगम आयुक्त, एसपी, एडीएम, सीएमओएच, एसडीओ, बीडीओ और कार्यकारी मजिस्ट्रेट को अधिकृत किया जाता है. सभी स्थानीय पुलिस अधिकारियों को उपरोक्त अधिकारियों को सभी जरूरी सहयोग करना होगा.
कोई भी व्यक्ति अगर उपरोक्त निर्देशों का उल्लंघन करता है तो वह एक अपराध होगा और भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत दंडनीय होगा. पूर्व में जारी निर्देश भी प्रभावी रहेंगे. शक की स्थिति में राज्य सरकार जरूरी दिशानिर्देश/स्पष्टीकरण जारी करेगी.
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