अवैध निर्माण रोकने को नगर निगम ने तैयार किया सख्त कानून का मसौदा
मसौदा भी तैयार कर लिया और इसे राज्य लोक निर्माण व शहरी विकास विभाग के पास भेज भी दिया.
कोलकाता. गार्डेनरीच में बहुमंजिली इमारत के ढहने के मामले में कोलकाता नगर निगम को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. इसके चलते ही निगम ने अवैध निर्माण के खिलाफ सख्त कानून लाने का फैसला लिया. मसौदा भी तैयार कर लिया और इसे राज्य लोक निर्माण व शहरी विकास विभाग के पास भेज भी दिया. निगम सूत्रों के मुताबिक, उक्त घटना के बाद गार्डेनरीच में कई अवैध इमारतों को तोड़ा गया. चूंकि यह घटना मेयर फिरहाद हकीम के चुनाव क्षेत्र कोलकाता पोर्ट इलाके में हुई थी. इसलिए निगम पर दबाव कई गुना बढ़ गया था. उस समय निगम अधिकारियों ने मेयर से कहा था कि अवैध निर्माण रोकने के लिए सख्त कानून की जरूरत है. इसके बाद मेयर ने निगम के बिल्डिंग विभाग को इस संबंध में एक मसौदा तैयार करने का निर्देश दिया था. निगम के एक अधिकारी ने कहा कि अवैध निर्माण का आरोप सच साबित होने पर जमीन मालिक और प्रमोटर के लिए सात साल से अधिक की जेल होनी चाहिए. आरोपियों को जमानत न मिले, इसके लिए भी प्रावधान होना चाहिए.
ऐसा होने पर ही कोई अवैध निर्माण करने की हिम्मत नहीं जुटा पायेगा. वैसे राज्य में कोई नया कानून लाने या पुराने कानून में संशोधन करने के लिए विधानसभा में विधेयक पारित करना जरूरी होता है. इस मामले में नियम यह है कि निगम के बिल्डिंग विभाग के एक्ट में बदलाव के लिए लोक निर्माण विभाग के माध्यम से राज्य सरकार को आवेदन करना होगा. इस मामले में नगर पालिका के कानूनी मामले को देखने के लिए मसौदा लोक निर्माण एवं शहरी विकास विभाग को भेजा गया है. मंजूरी के बाद ड्राफ्ट लॉ ऑफिस जायेगा. फिर बिल तैयार कर विधानसभा में पेश किया जायेगा. वहां से पारित होने के बाद अंतिम मंजूरी के लिए राजभवन भेजा जायेगा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है