स्तन कैंसर से बचाव के लिए सही जानकारी जरूरी : डॉ नेहा चौधरी
स्तन कैंसर को लेकर महिलाओं को कम उम्र से ही सावधानी बरतनी चाहिए.
कोलकाता. स्तन कैंसर के मामले दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहे हैं. युवा आबादी भी इसका शिकार हो रही है. विशेषज्ञों के अनुसार, किसी भी उम्र की महिला स्तन कैंसर का शिकार हो सकती है. लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी के साथ-साथ कई प्रकार के पर्यावरणीय कारकों की भी इसमें भूमिका देखी जा रही है. स्तन कैंसर को लेकर महिलाओं को कम उम्र से ही सावधानी बरतनी चाहिए. जिन महिलाओं के परिवार में पहले किसी को स्तन कैंसर हो चुका है, उनमें इसका खतरा और अधिक होता है. बता दें कि हर साल अक्तूबर में स्तन कैंसर जागरूकता माह मनाया जाता है.
नारायणा अस्पताल, हावड़ा के ब्रेस्ट ऑन्कोलॉजी और ऑन्कोप्लास्टिक सर्जन डॉ नेहा चौधरी ने बताया कि स्तन कैंसर के स्पष्ट लक्षण दिखायी देते हैं. गांठ, निप्पल डिस्चार्ज या त्वचा में परिवर्तन होना इसके प्रधान लक्षण है. ऐसे में नियमित रूप से स्वयं की जांच करना जरूरी है और अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें. उपचार से न डरें. कैंसर और उसके उपचार के बारे में मिथक प्रारंभिक निदान को रोक सकते हैं. प्रथम चरण में 90% से अधिक और दूसरे स्टेज में के 80 फीसदी रोगियों का सफल इलाज संभव है.
मुकुंदपुर स्थित नारायणा आरएन टैगोर अस्पताल के क्लिनिकल लीड सर्जिकल ऑन्कोलॉजी डॉ गौतम मुखोपाध्याय ने कहा कि स्तन या बगल में कोई भी दर्द रहित गांठ, स्तन की त्वचा के रंग या आकार में परिवर्तन या निप्पल से स्राव होने पर चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए. कुछ मामलों में यह स्तन कैंसर हो सकता है.
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