सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- किस आधार पर हुई हैं सिविक वॉलंटियर की नियुक्तियां

सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को आरजी कर अस्पताल मामले की सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश डीवाइ चंद्रचूड़ ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा तैनात किये गये सिविक वॉलंटियर की नियुक्तियों पर सवाल उठाये.

By Prabhat Khabar News Desk | October 16, 2024 2:05 AM
an image

शीर्ष अदालत ने कहा- मेडिकल कॉलेज, अस्पताल व थानों में नहीं की जा सकती सिविक वॉलंटियर की तैनाती

संवाददाता, कोलकाता

सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को आरजी कर अस्पताल मामले की सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश डीवाइ चंद्रचूड़ ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा तैनात किये गये सिविक वॉलंटियर की नियुक्तियों पर सवाल उठाये. प्रधान न्यायाधीश डीवाइ चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला व न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने राज्य सरकार से सिविक वॉलंटियर की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर रिपोर्ट तलब की. साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि किसी भी मेडिकल कॉलेज, अस्पताल व थानाें में सिविक वॉलंटियर की तैनाती नहीं की जा सकती. इस आदेश का पालन करने के लिए राज्य सरकार ने क्या-क्या कदम उठाये हैं, इसकी जानकारी राज्य सरकार को हलफनामा के रूप में मामले की अगली सुनवाई के दिन अदालत में देनी होगी. सुनवाई के दौरान अधिवक्ता करुणा नंदी ने सिविक वॉलंटियर की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि आरजी कर अस्पताल कांड का मुख्य आरोपी सिविक वॉलंटियर है और सीबीआइ ने भी अपनी चार्जशीट में संजय राय को मुख्य आरोपी बनाया है. अधिवक्ता ने कहा कि संजय राय के खिलाफ पहले से घरेलू हिंसा के तहत मामला चल रहा है और उसके बाद भी सिविक वॉलंटियर के पद पर उसकी नियुक्ति की गयी. उन्हाेंने अदालत को बताया कि इससे पहले भी उन्होंने सिविक वॉलंटियर की नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल उठाये थे. लेकिन राज्य सरकार लगातार सिविक वॉलंटियर की संख्या बढ़ा रही है. हालांकि, इससे पहले हाइकोर्ट ने भी सिविक वॉलंटियर की नियुक्ति पर आपत्ति जतायी थी. इस पर राज्य सरकार के अधिवक्ता ने कहा कि वर्ष 2005 के नियमों का पालन करते हुए अस्पतालों में सिविक वॉलंटियर नियुक्त किये गये हैं. जिस प्रकार से महाराष्ट्र सरकार ने नियुक्तियां की थीं, उसी आधार पर कोलकाता में भी नियुक्तियां की गयी हैं. हालांकि, राज्य सरकार के अधिवक्ता ने अदालत में बताया कि संजय राय की नियुक्ति 2005 के कानून के तहत नहीं हुई है. संजय राय की नियुक्ति पुलिस की विज्ञप्ति के माध्यम से की गयी है.

इसके बाद ही प्रधान न्यायाधीश ने पूछा कि कोलकाता शहर के साथ-साथ राज्य भर में कुल कितने सिविक वॉलंटियर नियुक्त किये गये हैं. उनकी न्यूनतम योग्यता क्या है? किस वैध नियम के तहत उनकी नियुक्तियां की गयी हैं? इनकी तैनाती कहां-कहां की गयी हैं? इन्हें दैनिक या मासिक कुल कितना वेतन मिलता है? प्रधान न्यायाधीश ने यह सभी जानकारियां देते हुए राज्य सरकार को हलफनामा जमा करने का निर्देश दिया है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version