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मनरेगा के तहत काम हो रहा है या नहीं, हाइकोर्ट ने राज्य से मांगा जवाब

कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश टीएस शिवगणनम व न्यायाधीश विभाष पटनायक की खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा कि पश्चिम बंगाल में 100 दिनों की रोजगार गारंटी योजना के तहत काम हो रहा है या नहीं.

तीन को होगी मामले की अगली सुनवाई

विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए दायर की है जनहित याचिका

संवाददाता, कोलकाता

विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार एक्ट (मनरेगा) के तहत 100 दिनों की रोजगार गारंटी योजना के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है और इसे लेकर उन्होंने कलकत्ता हाइकोर्ट में जनहित याचिका भी दायर की थी. गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश टीएस शिवगणनम व न्यायाधीश विभाष पटनायक की खंडपीठ ने राज्य सरकार से पूछा कि पश्चिम बंगाल में 100 दिनों की रोजगार गारंटी योजना के तहत काम हो रहा है या नहीं.

गुरुवार को मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि योजना में भ्रष्टाचार के आरोपों के आधार पर जांच की जा रही है. लेकिन साथ ही राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि परियोजनाओं का काम न रुके. मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति विभाष पटनायक की खंडपीठ ने गुरुवार को कहा कि परियोजना को लेकर भ्रष्टाचार के कई आरोप सामने आये हैं. ऐसे में राज्य सरकार को परियोजनाओं के कार्य की स्थिति की पुष्टि करनी होगी. इसके लिए कोर्ट ने राज्य को सात दिन के भीतर अंतरिम रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

जनहित याचिकाकर्ता के वकील ने गुरुवार को अदालत को बताया कि परियोजना के पैसे को लेकर केंद्र और राज्य के बीच विवाद के कारण लगभग दो साल से काम रुका हुआ है. इसके बाद कोर्ट ने राज्य सरकार से इस बारे में जवाब मांगा है. राज्य सरकार को तीन अक्तूबर को मामले की अगली सुनवाई के दिन बताना होगा कि 100 दिन का काम चल रहा है या नहीं.

क्या है मामला :

उल्लेखनीय है कि शुभेंदु अधिकारी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर आरोप लगाया गया है कि 100 दिन रोजगार गारंटी के क्रियान्वयन में धांधली की गयी है. उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार की मनरेगा योजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है. फर्जी जॉब कार्ड, मृत व्यक्ति के नाम पर जॉब कार्ड सहित कई तरीकों से धांधली हुई है. यहां तक कि जो लोग गांव में नहीं रहते, उनके नाम पर भी जॉब कार्ड बनाकर भ्रष्टाचार किया गया है. शुभेंदु अधिकारी ने भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की है. वहीं, भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए केंद्रीय टीम यहां आयी थी और उन्होंने अपनी रिपोर्ट में भ्रष्टाचार के आरोपों की पुष्टि की है. इसके बाद केंद्र ने मनरेगा के तहत फंड का आवंटन बंद कर दिया है. इसके बाद पश्चिम बंगाल फार्म लेबर एसोसिएशन ने भी मनरेगा के काम का वेतन न देने का आरोप लगाते हुए हाइकोर्ट में मामला दायर किया है. उन्होंने दावा किया कि मजदूरों ने 100 दिन काम किया है, लेकिन केंद्र और राज्य के बीच तनाव के कारण उन्हें उनका हक नहीं मिल रहा है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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