कोलकाता. जयनगर मामले में कल्याणी एम्स में पोस्टमार्टम तक की सुविधा नहीं होने को लेकर मंगलवार को कलकत्ता हाइकोर्ट ने नाराजगी जतायी. अदालत ने सवाल उठाया कि एम्स जैसे अस्पताल में पोस्टमार्टम कराने की संरचना क्यों नहीं है. न्यायाधीश तीर्थंकर घोष ने कहा कि राज्य में एम्स होने के बाद भी लोगों को इलाज के लिए क्यों वेल्लोर जाना पड़ रहा है. न्यायाधीश ने यह जानना चाहा कि एम्स में ऑपरेशन थियेटर है या नहीं. अब तक कितने ऑपरेशन हुए हैं. पोस्टमार्टम के अनुभव के बिना कैसे छात्र एमबीबीएस पास कर निकलेंगे. न्यायाधीश ने कहा कि दिल्ली जैसी संरचना नहीं है, तो कम से कम ऋषिकेश एम्स जैसी संरचना तो होनी ही चाहिए. उन्होंने जयनगर में एक बच्ची की हत्या के मामले में कल्याणी एम्स में पोस्टमार्टम कराने का निर्देश दिया था. लेकिन वहां पोस्टमार्टम के लिए आधारभूत संरचना नहीं होने के कारण एक सरकारी अस्पताल में बच्ची का पोस्टमार्टम हुआ था. न्यायाधीश ने केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव को निर्देश देते हुए कहा कि कल्याणी एम्स की संरचना को मजबूत करने के लिए राज्य सरकार से जिस अनुमोदन की जरूरत है, वह राज्य सरकार देगी. इसमें कोई बाधा नहीं पहुंचायी जा सकती है. 2025 के दिसंबर तक अस्पताल का सब काम पूरा कर लेना होगा. साथ जयनगर की घटना को निचली अदालत में आरोपी के पक्ष में कोई वकील खड़ा नहीं होने पर अदालत ने कहा कि भविष्य में इसे लेकर समस्या हो सकती है. न्यायाधीश ने राज्य सरकार को इसे सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
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