कोलकाता. माकपा के प्रदेश सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा कि उनकी पार्टी ने महिला वकीलों की एक टीम बनायी है, जो राज्य में महिलाओं पर होने वाले अत्याचार को संज्ञान में लेगी. ऐसी खबर मिलने पर लीगल सेल की सदस्य तुरंत मौके पहुंच जायेंगी. साथ ही किसी महिला को तलब किये जाने पर वे थाने जायेंगी और बाहर प्रदर्शन भी करेंगी. सलीम ने कहा कि राज्य के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं. उनका जीना मुहाल हो गया है. लेकिन उनकी समस्या का समाधान करने के बजाय इस पर राजनीति शुरू हो गयी है. लेकिन माकपा रेड वालंटियर व अन्य शाखा संगठनों को साथ बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए मैदान में उतर गयी है. वामपंथियों के राहत कार्य को देखकर ममता बनर्जी लोकलुभावन बातें करने में जुट गयी हैं और इसे मीडिया का एक वर्ग बढ़ा-चढ़ाकर दिखा रहा है.
जबसे डीवीसी बना तभी से वैज्ञानिक इसको लेकर होने वाली समस्या से सतर्क करते आ रहे हैं. लेकिन हर बार इसकी अनदेखी की जाती है. मिलजुल कर काम करने की मानसिकता बंगाल की मुख्यमंत्री की नहीं हैं. जलाशयों के जलधारण की क्षमता को लेकर उचित मरम्मत और रिवर मैनेजमेंट की नीति नहीं बनायी जा रही है. हमारी मांग है कि डीवीसी को लेकर तुरंत रिवर मैनेजमेंट बनाया जाये. संसद में इसको लेकर बासुदेव आचार्य काफी मुखर थे. लेकिन उनके बाद बंगाल का कोई भी नेता इस बारे में चर्चा नहीं करता है.
उन्होंने शिक्षक नियुक्ति की मांग पर आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों पर पुलिस के लाठी चार्ज की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पुलिस के दम पर विरोध की आवाज को दबाने का हरसंभव प्रयास कर रही है.
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