Loading election data...

अस्पताल में वित्तीय घोटाले को छिपाने के लिए की गयी जूनियर डॉक्टर की हत्या : मीनाक्षी

लालबाजार में पूछताछ के बाद मीनाक्षी मुखर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि जूनियर महिला चिकित्सक को आरजी कर अस्पताल में चल रहे वित्तीय भ्रष्टाचार का पता चल गया था और वह इसका खुलासा करनेवाली थीं. वित्तीय घोटाले को दबाने के लिए ही चिकित्सक की हत्या की गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | August 24, 2024 11:11 PM
an image

कोलकाता.

आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में हुई तोड़फोड़ के मामले में कोलकाता पुलिस ने डीवाइएफआइ की सचिव मीनाक्षी मुखर्जी सहित सात नेताओं को लालबाजार तलब किया था. शनिवार को मीनाक्षी मुखर्जी पार्टी के अन्य नेताओं के साथ रैली निकाल कर वहां पहुंचीं, जहां पुलिस ने करीब डेढ़ घंटे तक उनसे पूछताछ की. लालबाजार में पूछताछ के बाद मीनाक्षी मुखर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि जूनियर महिला चिकित्सक को आरजी कर अस्पताल में चल रहे वित्तीय भ्रष्टाचार का पता चल गया था और वह इसका खुलासा करनेवाली थीं. वित्तीय घोटाले को दबाने के लिए ही चिकित्सक की हत्या की गयी. उन्होंने कहा कि इस मामले में जो लोग भी जुड़े हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. मीनाक्षी मुखर्जी ने कहा कि पुलिस पूरे मामले में सिर्फ सबूतों को नष्ट करने में व्यस्त रही, जबकि उसे असली अपराधियों का नाम मालूम है. उन्होंने कहा कि अपराधियों ने सबूत मिटाने के लिए अस्पताल पर हमला किया, लेकिन पुलिस खामोश रही. उल्टे इस मामले में आंदोलन तेज नहीं हो, इसके लिए वह चुन-चुन कर विपक्षी पार्टी के आंदोलनकारियों को तलब कर रही है, ताकि लोगों को डराया जा सके. उन्होंने फिर से आरजी कर कांड को लेकर मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की.

रैली निकाल कर जुलूस की शक्ल में लालबाजार पहुंचे माकपा कार्यकर्ता

स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआइ), डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाइएफआइ) और ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वूमेन एसोसिएशन (एआइडीडब्ल्यूए) की पश्चिम बंगाल राज्य समितियों ने भारी बारिश के बीच कॉलेज परिसर के पास से लालबाजार स्थित कोलकाता पुलिस मुख्यालय तक रैली निकाली. संगठनों ने विरोध रैली का आह्वान करते हुए दावा किया कि पुलिस ने 14-15 अगस्त की दरमियानी रात सरकारी अस्पताल में हुई तोड़फोड़ के संबंध में उनके कुछ नेताओं को नोटिस भेजा है. यहां जूनियर चिकित्सक एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार-हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे और अपने कार्यस्थल पर सुरक्षा की मांग कर रहे थे.

एसयूसीआइ ने कोलकाता पुलिस के फैसले का किया विरोध

कोलकाता. एसयूसीआइ (सी) के राज्य सचिव चंडी दास भट्टाचार्य ने जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि आरजी कर कांड के विरोध में हो रहे आंदोलन पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार एक के बाद एक फैसले ले रही है. पुलिस की मदद से आंदोलनकारियों को डराने-धमकाने के लिए जांच के नाम पर तलब किया जा रहा है. जुलूस, मीटिंग, धरना प्रदर्शन जैसे आंदोलनों को प्रतिबंधित करने के लिए ममता सरकार कदम उठा रही है. यही वजह है कि आंदोलन के केंद्र बिंदु आरजी कर अस्पताल के बाहर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता कानून की धारा 163(1) लागू करके वह आंदोलन को दबाने का फैसला लिया. एसयूसीआइ (सी) की ओर से हम उसकी निंदा करते हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Exit mobile version