गुम हुईं उत्तर पुस्तिकाओं पर सीयू ने सौंपी रिपोर्ट

हमने विभाग को यह भी सूचित किया है कि प्रभावित छात्रों को विकल्प दिया गया है कि वे इनमें से किसी एक में प्राप्त उच्चतम अंक को स्वीकार कर लें.

By Prabhat Khabar News Desk | November 13, 2024 1:11 AM
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कोलकाता. कलकत्ता यूनिवर्सिटी ने उच्च शिक्षा विभाग को उन तीन परीक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए कॉलेजों को अपनी सिफारिश में लिखा है, जिन्होंने 120 छात्रों की बांग्ला के प्रथम वर्ष की स्नातकोत्तर उत्तर पुस्तिकाएं खो दीं. शिक्षा विभाग द्वारा अपने तीन संबद्ध कॉलेजों से उत्तर पुस्तिकाओं के नुकसान के लिए गलती करने वाले अधिकारियों के खिलाफ की गयी कार्रवाई के बारे में रिपोर्ट मांगने के कुछ दिनों बाद सीयू की ओर से पत्र लिखा गया. सीयू के रजिस्ट्रार देबाशीष दास ने जानकारी दी कि हमने विभाग को सूचित कर दिया है कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कदम उठाये गये हैं. हमने विभाग को यह भी सूचित किया है कि प्रभावित छात्रों को विकल्प दिया गया है कि वे इनमें से किसी एक में प्राप्त उच्चतम अंक को स्वीकार कर लें. खोये हुए पेपर के लिए अंक के रूप में चार पेपर में से एक की परीक्षा दुबारा भी दे सकते हैं. अगर, छात्र किसी पेपर में उच्चतम अंक का विकल्प चुनते हैं, तो विश्वविद्यालय को पहले परिणाम प्रकाशित करना होगा. रजिस्ट्रार ने कहा कि हम जल्द ही इस पर फैसला लेंगे. विभाग ने सीयू को सात दिनों के भीतर छात्रों के हितों की रक्षा के लिए उठाये गये कदमों का विवरण देते हुए एक कार्रवाई रिपोर्ट भेजने को कहा था. इस मसले पर सीयू के शिक्षकों ने कहा कि अधिकारियों को कदम उठाना चाहिए ताकि कॉलेजों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की पारदर्शिता सुरक्षित रहे. उन्होंने कहा कि विज्ञान विषयों में कॉलेजों में स्नातकोत्तर परीक्षा देते समय उत्तर पुस्तिकाओं के खो जाने या छात्रों द्वारा सामूहिक नकल के आरोपों ने मूल्यांकन प्रक्रिया की पारदर्शिता को क्षति पहुंचायी है. इसमें कोलकाता के दो और दक्षिण 24-परगना का एक कॉलेज, जो स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रदान करते हैं. इन कॉलेजों के परीक्षकों ने उस पेपर की उत्तर पुस्तिकाएं खो दीं जो छात्रों ने अप्रैल में दिया था. गड़बड़ी के कारण 1,000 छात्रों का रिजल्ट रुका हुआ है. कलकत्ता यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन के सचिव सनातन चट्टोपाध्याय ने कहा कि इस घटना से परीक्षा सिस्टम पर सवाल उठ रहे हैं. कॉलेजों में आयोजित स्नातकोत्तर परीक्षाओं के दौरान बड़े पैमाने पर नकल के आरोप से भी हमारे स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की सही प्रणाली को क्षति पहुंचायी है. इसे रोकने के लिए सीयू को सुधारात्मक कदम उठाने चाहिए.

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