बच्ची की मौत के एक घंटे बाद ही थमा दिया डेथ सर्टिफिकेट

ढाई वर्षीय एक बच्ची की मौत के एक घंटे बाद ही डेथ सर्टिफिकेट जारी करने से नाराज परिजनों ने किया हंगामा.

By Prabhat Khabar News Desk | November 20, 2024 1:10 AM

नाराज परिजनों ने डॉक्टर चेंबर के सामने किया जमकर हंगामा

नियमानुसार चार घंटे तक ऑब्जर्वेशन में रखने के बाद जारी किया जाता है मृत्यु प्रमाण-पत्र

प्रतिनिधि, टीटागढ़ ढाई वर्षीय एक बच्ची की मौत के एक घंटे बाद ही डेथ सर्टिफिकेट जारी करने से नाराज उसके परिजनों एवं स्थानीय लोगों ने बैरकपुर नगरपालिका के वार्ड-18 के अली हैदर रोड इलाके में स्थित एक डॉक्टर के चेंबर के सामने जमकर हंगामा किया. वे घटना की जांच की मांग कर रहे थे. सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को संभाला. जानकारी के अनुसार, अली हैदर रोड निवासी मोहम्मद मुख्तार अपनी ढाई वर्षीय बेटी नेहा परवीन की तबीयत बिगड़ने पर उसे सोमवार रात करीब नौ बजे जीसी रोड स्थित एक चिकित्सक के चेंबर ले गया. डॉक्टर ने कुछ दवाएं पर्ची पर लिखीं. परिजन दवा खरीद बच्ची को घर लेकर चले गये. लेकिन दवा खाने के बाद बच्ची की हालत और बिगड़ने लगी. वे बच्ची को लेकर फिर डॉक्टर के पास पहुंचे. चिकित्सक ने बच्ची को बैरकपुर स्थित डॉ बीएन बोस अस्पताल रेफर कर दिया. वहां ले जाने पर डॉक्टरों ने बच्ची को मृत करार दिया और जिस डॉक्टर ने इलाज किया था उससे ही डेथ सर्टिफिकेट लिखवाने को कहा. परिजन बच्ची को लेकर वापस उसी डॉक्टर के पास आये. डॉक्टर ने रात 10 बजे डेथ सर्टिफिकेट थमा दिया. लेकिन सर्टिफिकेट पर डेट 19 नवंबर (मंगलवार) लिखा था. इसके बाद लोगों ने डॉक्टर के चेंबर के सामने विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया. उनका कहना है कि मौत के एक घंटे के अंदर ही डॉक्टर ने कैसे डेथ सर्टिफिकेट लिख दिया. जबकि नियमानुसार, मौत के चार घंटे बाद तक ऑब्जर्वेशन में रखा जाता है फिर मृत्यु प्रमाणपत्र जारी होता है. उधर, घटना की जानकारी मिलने पर रहड़ा थाने की पुलिस, वार्ड-18 के पार्षद नौशाद आलम मौके पर पहुंचे. उन्होंने कहा कि डॉक्टर से इस बारे में बात की गयी, लेकिन वह स्पष्ट जवाब नहीं दे पाये. पार्षद ने मामले की जांच की मांग की है.वहीं, डॉक्टर का कहना है कि वह दूर रहते हैं. इसलिए उन्होंने परिजनों को पहले ही डेथ सर्टिफिकेट दे दिया, ताकि उन्हें परेशानी न हो. साथ ही उन्होंने परिजनों को बच्ची पर निगरानी रखने को कहा था. कुछ असामान्य दिखने पर तुरंत सूचना देने को भी कहा था. हालांकि, डॉक्टर ने स्वीकार किया कि एक घंटे में डेथ सर्टिफिकेट जारी करना उनकी भूल थी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version