दूसरे आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी, पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये क्षतिपूर्ति देने का भी दिया गया निर्देश कोलकाता. मुर्शिदाबाद के फरक्का में नाबालिग से दुष्कर्म व हत्या मामले में 61 दिनों में ही फैसला आ गया. गुरुवार को दोनों आरोपियों को दोषी करार दिया गया था. शुक्रवार को जंगीपुर अदालत ने एक आरोपी को फांसी व दूसरे आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. साथ ही पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये क्षतिपूर्ति देने का भी अदालत ने निर्देश दिया. जंगीपुर फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आरोपी दीनबंधु हालदार को फांसी की सजा सुनायी, जबकि शुभजीत हालदार को आजीवन कारावास की सजा दी गयी. सरकारी वकील विभाष चटर्जी ने कहा कि अपराध की नृशंसता को देखते हुए दोनों ही आरोपियों को फांसी की सजा देने का आवेदन किया था. पिछले विजयादशमी के दिन नाबालिग का शव एक पड़ोसी के घर से बरामद किया गया था. दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या कर दी गयी थी. पुलिस ने मछली व्यवसायी दीनबंधु हालदार व शुभजीत हालदार को गिरफ्तार किया था. जांच के दौरान दोनों के खिलाफ कई सबूत मिले थे. मुर्शिदाबाद की एक अदालत द्वारा शुक्रवार को सजा सुनाये जाने के बाद पश्चिम बंगाल पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) सुप्रतीम सरकार ने कहा कि मुर्शिदाबाद जिले के फरक्का में 13 अक्टूबर को विजयादशमी के दिन दीनबंधु लड़की को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया था. श्री सरकार ने संवाददाताओं को बताया कि दीनबंधु ने लड़की के साथ बलात्कार किया और उसकी हत्या कर दी. इसके बाद दीनबंधु ने शव के साथ फिर से बलात्कार किया, जिसे ‘नेक्रोफीलिया’ कहा जाता है. एडीजी ने बताया कि इस अपराध में सुभोजित ने उसकी मदद की थी. उन्होंने कहा कि घटना की जांच कर रही टीम ने सही तरीके से सभी पहलुओं की जांच कर आरोपियों की सजा सुनिश्चित करायी.
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