कोलकाता. राज्य कार्यस्थल पर लिंग आधारित यौन हिंसा, उत्पीड़न और अन्य घटनाओं के संबंध में पीड़ितों, विशेषज्ञों और अन्य प्रतिभागियों की मांगों को उठाने के लिए विभिन्न पेशेवर, स्वतंत्र संगठन और कुछ स्वयंसेवी संस्थाएं आगे आये हैं. सभी संगठन एक साथ मिल कर जन सुनवाई के माध्यम से कार्यस्थल में उत्पीड़न के मुद्दे को सुनने के लिए एक उचित मंच बनाने का प्रयास करेंगे. इस संबंध में कलकत्ता हाइकोर्ट की वकील झूमा सेन ने महानगर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं पर अत्याचार और उत्पीड़न की घटना कोई नयी बात नहीं है. लेकिन आरजी कर की घटना ने हर वर्ग के लोगों को इस पर सोचने पर मजबूर कर दिया है. कार्यस्थल पर लिंग आधारित यौन उत्पीड़न पर जन सुनवाई पर आयोजित एक विशेष संवाददाता सम्मेलन में दामिनी बसु, झूमा सेन और अनुराधा तलवार सहित विभिन्न संस्थाओं की महिलाएं उपस्थित रहीं.
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