राज्य में पीली टैक्सियों का अस्तित्व बचाये रखने की मांग उठी
संगठन के संयोजक नवल किशोर श्रीवास्तव ने कहा कि राज्य में पीली टैक्सियों और उनके संचालकों की दयनीय स्थिति की ओर परिवहन विभाग का ध्यान आकर्षित किया गया.
कोलकाता. वेस्ट बंगाल टैक्सी ऑपरेटर्स को-ऑर्डिनेशन कमेटी (एआइटीयूसी) की ओर से मंगलवार को पीली टैक्सियों का अस्तित्व बचाने सहित कई मांगों को लेकर परिवहन विभाग को एक ज्ञापन सौंपा गया. संगठन के संयोजक नवल किशोर श्रीवास्तव ने कहा कि राज्य में पीली टैक्सियों और उनके संचालकों की दयनीय स्थिति की ओर परिवहन विभाग का ध्यान आकर्षित किया गया. उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार, 15 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों को बदला जाना चाहिए या स्क्रैप किया जाना चाहिए. इस संदर्भ में उन्होंने संगठन की ओर से परिवहन विभाग को एक प्रस्ताव दिया कि उक्त टैक्सी चालकों को अन्य कंपनियों द्वारा निर्मित टैक्सियों को पीली टैक्सियों के रूप में उपयोग करने की अनुमति दी जाये. इससे राज्य में पीली टैक्सियों की विरासत बची रहेगी. राज्य सरकार ने टैक्सी चालकों और मालिकों के हितों को ध्यान में रखते हुए यात्री साथी ऐप लॉन्च किया है, लेकिन बहुत सीमित संख्या में लोग इसका इस्तेमाल करते हैं. इसके लिए उचित प्रचार-प्रसार का अभाव है. उन्होंने यात्री साथी सेवा में लगीं पीली टैक्सियों से रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों पर यात्रियों को उतारने के दौरान अधिक पार्किंग शुल्क अधिक लिये जाने का भी विरोध जताया.
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