कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट ने गुरुवार को आरजी कर कांड की पीड़िता के बारे में सोशल मीडिया पर किये जा रहे घटिया पोस्ट को लेकर नाराजगी जतायी और सीबीआइ को इस बाबत 18 सितंबर तक रिपोर्ट देने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि इस तरह की घटिया टिप्पणी को समाज का कोई भी व्यक्ति स्वीकार नहीं करेगा. याचिकाकर्ता की ओर से दी गयी आपत्तिजनक पोस्ट की प्रति में नजर आ रहा है कि सोशल मीडिया पर पीड़िता की तस्वीर के साथ घटिया टिप्पणियां की गयी हैं. याचिकाकर्ता ने अनुरोध किया कि इस दुर्भाग्यपूर्ण एवं बर्बर घटना के संदर्भ में सीबीआइ को साइबर अपराध की जांच का निर्देश दिया जाये. अदालत ने केंद्रीय एजेंसी की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अशोक कुमार चक्रवर्ती से पूछा कि क्या वह इस तरह के पोस्ट को ब्लॉक करने का कोई तरीका खोज सकेंगे. मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सीबीआइ, कोलकाता के संयुक्त निदेशक को इस तरह के घटिया पोस्ट के संदर्भ में याचिकाकर्ता की शिकायत की जांच करने का निर्देश दिया. अदालत ने सीबीआइ के संयुक्त निदेशक या किसी अन्य सक्षम अधिकारी को इस संबंध में 18 सितंबर तक रिपोर्ट दाखिल करने को कहा. पीठ में न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य भी शामिल थे. आदेश जारी होने के बाद अशोक कुमार चक्रवर्ती ने अदालत को बताया कि इस तरह के साइबर अपराधों की जांच के लिए सीबीआइ के पास अलग से कोई शाखा नहीं है. उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों की निगरानी के लिए राज्य पुलिस के पास विशेष इकाई है. उन्होंने अदालत से अपील की कि पश्चिम बंगाल सरकार की साइबर अपराध शाखा को भी अलग से रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया जाये. अदालत ने कहा कि वह मामले में अगली सुनवाई के दौरान इस अनुरोध पर विचार करेगी. सीबीआइ कर रही है जांच गौरतलब है कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ड्यूटी पर तैनात प्रशिक्षु महिला डॉक्टर का शव नौ अगस्त को अस्पताल के सेमिनार कक्ष में मिला था. इस जघन्य घटना से देशभर में आक्रोश फैला हुआ है. सीबीआइ अगस्त के दूसरे सप्ताह से मामले की जांच कर रहा है.
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