पंडाल में धरती की जन्नत से रूबरू होंगे श्रद्धालु
मंडप में प्रवेश करते ही दर्शकों को ऐसा एहसास होगा कि वे कश्मीर की सुंदर घाटियों और मनमोहक वादियों के बीच मौजूद हैं.
हावड़ा. इस वर्ष हावड़ा की विवेकानंद सम्मिलनी दुर्गापूजा कमेटी, धरती की जन्नत से लोगों से रूबरू कराते हुए पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने की पहल की है. मंडप में प्रवेश करते ही दर्शकों को ऐसा एहसास होगा कि वे कश्मीर की सुंदर घाटियों और मनमोहक वादियों के बीच मौजूद हैं. गुलाबी ठंड के एहसास के साथ फूलों की घाटी और डल झील का नजारा देख मन रोमांचित हुए बगैर नहीं रह पायेगा. मां दुर्गा की प्रतिमा तक पहुंचते समय दर्शकों को मां वैष्णो देवी की चढ़ाई का आध्यात्मिक एहसास भी होगा. कश्मीरी फूलों और ऊंचे-नीचे पहाड़ी रास्तों पर पहाड़ी भेड़ें, खच्चर और बर्फीले रास्ते से मंडप की सज्जा एक अनोखा आकर्षण पैदा करेगा. विवेकानंद सम्मिलनी दुर्गापूजा कमेटी के सचिव अनिल अग्रवाल बताते हैं कि भारतीय ही नहीं, बल्कि विदेशी भी कश्मीर की सुंदर वादियों के कायल हैं. लेकिन पिछले कुछ समय में हमने हिमालय में मौसम की मार को भी देखा है. ऐसे में हम अपने पहाड़ी क्षेत्रों और पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए धरती की जन्नत, कश्मीर को अपने मंडप की थीम बनाया है. यहां आने वाले दर्शनार्थी, पर्यावरण के प्रति जागरूक होंगे. मंडप में माता वैष्णो के भी दर्शन होंगे. विवेकानंद सम्मिलनी के अध्यक्ष शंभु सर्राफ ने बताया कि इस वर्ष उनकी पूजा का 75वां वर्ष है. संस्था के संरक्षक राजेंद्र सिंह और सत्यनारायण देवरालिया ने बताया कि छह अक्तूबर को मंडप का उद्घाटन होगा.
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