दिलीप ने तेलिनीपाड़ा मामले की केंद्रीय एजेंसी से जांच की मांग की, कहा- भाजपा सांसदों पर बदले की भावना के तहत हुई कार्रवाई
बंगाल प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip Ghosh) ने तेलिनीपाड़ा हिंसा की केंद्रीय एजेंसी से जांच करने की मांग की है. भाजपा सांसद अर्जुन सिंह और लॉकेट चटर्जी को रोके जाने की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि राज्य सरकार राजनीतिक प्रतिहिंसा के तहत काम कर रही है. भाजपा नेताओं पर गुंडों पर लगाये जाने वाली धाराएं लगायी जा रही हैं. उनके खिलाफ FIR दायर किये जा रहे हैं.
कोलकाता : बंगाल प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष (Dilip Ghosh) ने तेलिनीपाड़ा हिंसा की केंद्रीय एजेंसी से जांच करने की मांग की है. श्री घोष ने साल्टलेक स्थित अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए भाजपा सांसद अर्जुन सिंह और लॉकेट चटर्जी को रोके जाने की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि राज्य सरकार राजनीतिक प्रतिहिंसा के तहत काम कर रही है. भाजपा नेताओं पर गुंडों पर लगाये जाने वाली धाराएं लगायी जा रही हैं. उनके खिलाफ FIR दायर किये जा रहे हैं.
दिलीप घोष ने कहा कि पूरी घटना की रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजेंगे और केंद्रीय जांच एजेंसी से जांच कराने की मांग करेंगे. उन्होंने कहा कि तेलिनीपाड़ा में हिंदुओं के घरों पर हमले किये गये. उनके घरों को जलाया गया. लोग पलायन के लिए बाध्य हुए हैं. उस समय पुलिस मूकदर्शक बनी हुई थी. वहां की इंटरनेट सेवा बंद कर दी गयी है और अब भाजपा समर्थकों को पुलिस निशाना बना रही है. भाजपा कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जा रहा है. पुलिस हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है और निर्दोष लोगों को निशाना बनाया जा रहा है.
उत्तर प्रदेश के औरैया में प्रवासी श्रमिकों की मौत पर दु:ख जताते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने सैंकड़ों ट्रेनों की व्यवस्था की है, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार पहले सात ट्रेन और फिर 105 ट्रेनों की अनुमति मांगी है. 105 ट्रेनें 30 दिनों में चलायी जायेगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रवासी श्रमिकों की लेकर अमानवीय रवैया अपनाये हुए है. इस कारण प्रवासी श्रमिक पैदल और अन्य वाहनों से आने के लिए बाध्य हो रहे हैं. प्रवासी श्रमिकों की दुर्घटना के लिए पूरी तरह से राज्य सरकार का अमानवीय रवैया जिम्मेदार है. सिलीगुड़ी बोर्ड में विरोधी दल के प्रतिनिधियों को शामिल किये जाने पर श्री घोष ने सवाल किया कि कोलकाता नगर निगम में क्यों नहीं विरोधी दल के प्रतिनिधि को शामिल किया गया. सभी बोर्ड में विरोधी दल के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाना चाहिए.