हाइकोर्ट की न्यायाधीश शंपा सरकार ने सुनाया फैसला
कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट की न्यायाधीश शंपा सरकार ने अदालत के आदेश की अवमानना के मामले में डीएम को अदालत में उपस्थित रहने का आदेश दिया. हाइकोर्ट की न्यायाधीश ने अदालत की अवमानना का नोटिस लाने के अलावा, जिलाधिकारी को अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर जवाब देने के लिए कहा है कि आखिर अदालत के आदेश का क्रियान्वयन क्यों नहीं किया गया.
गौरतलब है कि पूर्व मिदनापुर जिले के कांथी में प्रभात कुमार कॉलेज भवन के निर्माण के दौरान कानून का उल्लंघन करने का आरोप है. वकील अबू सोहेल ने इस संबंध में 2021 में कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. हालांकि, उच्च न्यायालय ने मामले को कांथी न्यायालय को भेज दिया. निचली अदालत ने पुलिस प्रशासन को इस मामले में एफआइआर दर्ज करने का आदेश दिया था. तदनुसार, कांथी पुलिस स्टेशन ने संबंधित वकील की शिकायत स्वीकार कर ली और एफआइआर भी दर्ज कर ली. कॉलेज प्रबंधन समिति के पूर्व अध्यक्ष सौमेंदु अधिकारी ने एफआइआर को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था पिछले साल अदालत ने आवेदक के दावे को स्वीकार करते हुए एफआइआर खारिज कर दी थी और मामले की प्रशासनिक जांच का आदेश दिया था. हालांकि, आरोप है कि जिलाधिकारी ने अदालत के आदेश का पालन नहीं किया. इसके बाद अबू सोहेल ने उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की. इसके जवाब में पिछले जुलाई माह में न्यायमूर्ति शंपा सरकार ने पूर्व मिदनापुर के जिलाधिकारी को जांच प्रक्रिया अगले छह सप्ताह के भीतर पूरी कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया, लेकिन हाइकोर्ट के इस आदेश का भी अब तक पालन नहीं हुआ है.
अब कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पूर्व मिदनापुर के डीएम को फरवरी 2025 के पहले सप्ताह में व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होकर यह बताने को कहा है कि उन्होंने अदालत के आदेश का क्रियान्वयन क्यों नहीं किया.
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