बांग्लादेश मुद्दे पर प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति या लोक सेवकों पर नहीं करें हमले : कोर्ट
कलकत्ता हाइकोर्ट ने मंगलवार को आगामी पांच दिसंबर को बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे कथित अत्याचारों के विरोध में कोलकाता में रैली की अनुमति दे दी.
हाइकोर्ट ने विरोध प्रदर्शन की अनुमति देने के साथ-साथ आयाेजकों को दी चेतावनी
संवाददाता, कोलकाता
कलकत्ता हाइकोर्ट ने मंगलवार को आगामी पांच दिसंबर को बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे कथित अत्याचारों के विरोध में कोलकाता में रैली की अनुमति दे दी. लेकिन रैली की अनुमति देते हुए न्यायाधीश तीर्थंकर घोष ने याचिकाकर्ताओं के वकील को मौखिक रूप से चेतावनी दी कि विरोध प्रदर्शनों के दौरान सार्वजनिक संपत्ति या लोक सेवकों के खिलाफ कोई तोड़फोड़ या हमला नहीं होना चाहिए. न्यायाधीश ने कहा कि यदि कोई हिंसा भड़कती है, तो अदालत अब से ऐसी रैलियों की अनुमति देने से पहले एक बांड शर्त लगायेगी. याचिकाकर्ताओं ने बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे कथित अत्याचारों के खिलाफ रैली आयोजित करने की अनुमति मांगने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था. याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि पुलिस द्वारा अनुमति नहीं मिलने के कारण उन लोगों ने हाइकोर्ट का रुख किया है. अदालत ने कहा कि यदि विरोध प्रदर्शन में शामिल लोग शिष्टाचार का पालन नहीं करते हैं, तो अदालत सख्त कार्रवाई करेगी. इसके अलावा अदालत ने रैली में अधिकतम 2500 लोगों के उपस्थित रहने की अनुमति दी है. न्यायालय ने कहा कि जनता का ध्यान आकर्षित करने के लिए सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट न करें और सरकारी कर्मचारियों पर हमला न करें. यही दो शर्तें हैं. यह मेरी खुली शर्त है. अगर ये शर्तें पूरी नहीं हुईं, तो विनियमन मेरी शक्ति है, इसलिए मुझे इसका अन्यथा उपयोग करना होगा.
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