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चिकित्सकों ने मार्च निकालकर राज्यपाल से पीड़िता को इंसाफ दिलाने की अपील की

आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में जूनियर महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना के खिलाफ शनिवार को यहां चिकित्सकों तथा स्वास्थ्यकर्मियों ने बड़ी रैली निकाली. उन्होंने पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मामले में हस्तक्षेप की अपील की है.

आरजी कर कांड. रैली में बड़ी संख्या में नर्स और स्वास्थ्यकर्मी भी हुए शामिल

संवाददाता, कोलकाताआरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में जूनियर महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना के खिलाफ शनिवार को यहां चिकित्सकों तथा स्वास्थ्यकर्मियों ने बड़ी रैली निकाली. उन्होंने पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए राज्यपाल सीवी आनंद बोस से मामले में हस्तक्षेप की अपील की है.

रैली का आयोजन मेडिकल सर्विस सेंटर, सर्विस डॉक्टर फोरम, नर्सेस यूनिटी सहित अन्य नागरिक संगठनों ने किया था. एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के इमरजेंसी गेट के सामने से शुरू हुए इस महाजुलूस को राजभवन तक जाना था. लेकिन, जुलूस के धर्मतला स्थित रानी रासमणि एवेन्यू पहुंचने पर पुलिस ने रोक दिया. इसके बाद सर्विस डॉक्टर फोरम के महासचिव डॉ सजल घोष के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस को ज्ञापन सौंपने राजभवन पहुंचा. इस प्रतिनिधिमंडल में डॉ अशोक सामंत, डॉ सजल विश्वास, डॉ नीलरतन नैया, डॉ शुभेंदु मल्लिक और सिस्टर वासवती मुखर्जी शामिल रहे. हालांकि, चिकित्सकों का यह प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से नहीं मिल सका. इस बारे में सर्विस डॉक्टर फोरम के कोषाध्यक्ष डॉ सपन विश्वास ने कहा कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में आरजी कर मामले की सुनवाई है. पर अब तक इस मामले में आरोपी संजय राय को छोड़ कर अन्य किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. राज्यपाल राज्य के प्रशासनिक प्रमुख हैं. इसलिए हम चाहते हैं कि राज्यपाल के जरिये जांच प्रक्रिया में गति लाने के लिए सीबीआइ तक संदेश पहुंचाया जाये. पर राज्यपाल अनुपस्थित थे. रैली में शामिल डॉ विप्लव चंद्रा ने बताया कि आज राजभवन की ओर से अचानक 3 बजे बताया गया कि राज्यपाल मुंबई जा रहे हैं. ऐसे में राज्यपाल की अनुपस्थिति में उनके सचिव को ज्ञापन सौंपा गया. डॉ सजल घोष ने बताया कि पहले से समय देने के बावजूद राज्यपाल शनिवार को राजभवन में नहीं थे.

चिकित्सकों की क्या हैं प्रमुख मांगें:

डॉ सजल घोष कहा कि आरजी कर मामले में पुलिस प्रशासन के अधिकारियों पर सबूतों से छेड़छाड़ करने के आरोप हैं. ऐसे में कोलकाता पुलिस के अधिकारियों को भी जांच के दायरे में लाया जाये. चिकित्सकों का आरोप है कि पुलिस अपराधियों को बचा रही है. इसलिए चिकित्सक संगठनों द्वारा राज्यपाल से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की गयी है. कहा गया है कि यदि राज्यपाल इस मामले हस्तक्षेप नहीं करते हैं तो हम बड़े आंदोलन की राह पर जाने को बाध्य होंगे.

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