आरजी कर मामले को लेकर सीबीआइ एक्शन में
संवाददाता, कोलकाताआरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक जूनियर महिला डॉक्टर से दुष्कर्म व हत्या के मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) के अधिकारियों ने चिकित्सक डॉ विरुपाक्ष विश्वास, डॉ अविक दे और एक जूनियर चिकित्सक सौरभ पाल से शनिवार को मैराथन पूछताछ की थी. जांच एजेंसी ने उन्हें रविवार को भी तलब किया. तीनों रविवार को फिर सॉल्टलेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित केंद्रीय जांच एजेंसी के कार्यालय पहुंचे, जहां उनसे पूछताछ हुई. इधर, रविवार को ही टाला थाना के सब-इंस्पेक्टर (एसआइ) चिन्मय विश्वास भी सीबीआइ कार्यालय पहुंचे. उनसे भी घटना को लेकर पूछताछ की गयी. चिकित्सक विश्वास और दे आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के करीबी माने जाते हैं. सीबीआइ ने घोष को गिरफ्तार किया है. घटना के बाद अस्पताल में देखे गये थे विरुपाक्ष व अविक : नौ अगस्त को जूनियर महिला चिकित्सक का शव मिलने के बाद दोनों चिकित्सकों विरुपाक्ष व अविक को अस्पताल में देखा गया था. उन पर घटना वाले दिन अस्पताल के सेमिनार हॉल में भी मौजूद रहने का आरोप है. अन्य अस्पताल के चिकित्सक होने के बावजूद घटना के बाद आरजी कर अस्पताल में दोनों की मौजूदगी का कारण सीबीआइ के अधिकारी जानना चाहते हैं. विश्वास पर मेडिकल छात्रों को धमकाने का भी आरोप है.इधर, जूनियर चिकित्सक पाल से भी घटना के पहले और बाद की गतिविधियों के बारे में केंद्रीय जांच एजेंसी पता लगाने में जुटी हैं. राज्य स्वास्थ्य विभाग और राज्य चिकित्सा परिषद द्वारा विरुपाक्ष और अविक पहले ही सस्पेंड किये जा चुके हैं. विश्वास बर्दवान मेडिकल कॉलेज व अस्पताल के पैथोलॉजी विभाग के सीनियर रेसिडेंट (एसआर) चिकित्सक थे. बाद में उन्हें काकद्वीप सब-डिविजनल हॉस्पिटल में एसआर के पद पर भी तबादला किया गया. जांच के दायरे में आये एक अन्य चिकित्सक अविक दे भी बर्दवान मेडिकल कॉलेज में रेडियोलॉजी विभाग में रेसिडेंट मेडिकल ऑफिसर (आरएमओ) थे.
रविवार को सीबीआइ ने चिकित्सक विरुपाक्ष से करीब पांच घंटे तक पूछताछ की. सीबीआइ कार्यालय से बाहर निकलने के बाद जब पत्रकारों ने यह जानना चाहा कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने उन्हें क्यों बुलाया था, तब उन्होंने कहा कि वह जांच में पूरा सहयोग कर रहे हैं. उन्हें फिर तलब किये जाने को लेकर पूछे जाने पर उन्होंने इसका जवाब नहीं दिया. इसी दिन सीबीआइ ने दो और चिकित्सकों और अस्पताल के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के दो कर्मचारियों से पूछताछ की है. इनमें से एक चिकित्सक अपूर्व विश्वास मृतका के पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों के दल में शामिल थे.टाला थाने के एसआइ से भी की गयी पूछताछ: मामले में टाला थाने के पूर्व ओसी अभिजीत मंडल को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. वह फिलहाल सीबीआइ की हिरासत में ही हैं. घटना को लेकर उनके बयान की सत्यता की पुष्टि व तफ्तीश में मिले कुछ तथ्यों की जांच के लिए पुलिस के अन्य अधिकारियों से बात की जा रही है. संभवत: यही वजह है कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने टाला थाने के एक एसआइ विश्वास को रविवार को तलब किया. इसके पहले भी सीबीआइ पुलिस के अन्य अधिकारियों से पूछताछ कर चुकी है. सीबीआइ पहले ही आशंका जता चुकी है कि मामले के पीछे बड़ी साजिश हो सकती है. घटना के बाद सबूतों से छेड़छाड़, क्राइम स्पॉट से सबूत मिटाने व पुलिस की जांच प्रक्रिया देर से शुरू करने का भी आरोप लगाया गया है. सीबीआइ की ओर से यह भी कहा गया है कि अस्पताल के सीसीटीवी कैमरों की जांच से यह पता चला है कि कुछ संदेहजनक लोगों का अस्पताल में काफी-आना जाना था. घटना को लेकर प्राथमिकी भी घंटों बाद दर्ज हुई, जो जांच के अहम हिस्सों में से एक है. मामले की जांच के तहत केवल अस्पताल ही नहीं, बल्कि टाला थाने के सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग की जांच जारी है. सीबीआइ के अधिकारी घटना के बाद टाला थाना द्वारा उठाये गये कदम को लेकर भी तमाम बातें जानना चाहते हैं.
दिल्ली से आये सीबीआइ अधिकारियों ने अस्पताल का किया दौरा
मामले की जांच को लेकर सीबीआइ की टीम कोई कसर नहीं छोड़ रही है. इधर, रविवार को नयी दिल्ली से सीबीआइ के तीन अधिकारी कोलकाता पहुंचे. उनके नेतृत्व में सीबीआइ के अधिकारियों की एक टीम जांच के लिए आरजी कर मेडिकल कॉलेज व अस्पताल पहुंची. सीबीआइ अधिकारी अस्पताल के प्लेटिनम जुबली बिल्डिंग गये. वहां कुछ चिकित्सकों व अस्पताल के कर्मचारियों से बातचीत की. सीबीआइ के अधिकारी घटना वाले दिन घटनास्थल पर मौजूद लोगों की हर गतिविधि का पता लगाना चाहते हैं.जांच के लिए सुदीप्त राय के घर व नर्सिंग होम पहुंचे अधिकारी
आरजी कर अस्पताल का दौरा करने के बाद सीबीआइ अधिकारी तृणमूल कांग्रेस के विधायक सुदीप्त राय के सिंथी स्थित आवास भी जांच के लिए पहुंचे. अधिकारियों ने राय के नर्सिंग होम का भी दौरा किया. राय आरजी कर अस्पताल की रोगी कल्याण समिति के चेयरमैन भी थे. सूत्रों के अनुसार, घटना के बाद वह भी अस्पताल पहुंचे थे, जिसको लेकर अधिकारी कुछ सवालों का जवाब जानना चाहते हैं. अस्पताल में वित्तीय अनियमितता के मामले में भी सीबीआइ अधिकारी उनसे पूछताछ कर चुके हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है