कोलकाता . इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के प्रमुख डॉ आरवी अशोकन ने कोलकाता में एक जूनियर महिला चिकित्सक से दुष्कर्म व उसकी हत्या के मामले को लेकर युवा चिकित्सकों की अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल के बीच कहा कि चिकित्सकों को हमेशा से ‘आसानी से निशाना’ बनाया जाता रहा है और ‘चिकित्सक समुदाय के साथ घोर अन्याय हुआ है जिसकी किसी से तुलना नहीं की जा सकती है.’ आइएमए द्वारा ‘एक्स’ पर पोस्ट किए एक बयान में डॉ अशोकन ने कहा कि भारत में शुरुआत से ही एक चिकित्सक ‘बॉन्ड प्रणाली से बंधा हुआ एक गुलाम’ होता है. डॉ अशोकन ने कहा कि कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में रेजीडेंट चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या की घटना ने ‘देश के मेडिकल कॉलेजों में फैली सडांध’ को सामने ला दिया है. उन्होंने कहा : हम सब इस बात के गवाह हैं कि कैसे एक युवा चिकित्सक का बलिदान पूरी सरकार को डरा रहा है. उसकी मौत ने हमारे चिकित्सा कॉलेजों में फैली सडांध को सामने ला दिया है.’ डॉक्टरों के आंदोलन की तुलना ब्रिटिश साम्राज्य के सूर्यास्त के समय कोलकाता में महात्मा गांधी द्वारा किये गये उपवास से करते हुए कहा : हिप्पोक्रेट्स की संतानें मौन रहकर और कष्ट सहकर युद्ध लड़ रही हैं. राज्य को इसका कोई अंदाजा नहीं है. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या स्नातकोत्तर छात्र क्लिनिकल मेडिसिन सीखने के लिए वहां आते हैं या वे मेडिकल कॉलेज चलाने के लिए राज्य के कर्मचारी होते हैं. अशोकन ने सवाल किया : 30 घंटे की ड्यूटी के लिए कौन जिम्मेदार है? इन बच्चों पर प्रति सप्ताह 100 घंटे का बोझ डालने की जिम्मेदारी किसकी है? कितने युवाओं की आत्महत्याओं के बाद हमारी आंखें खुलेंगी कि हमारे मेडिकल कॉलेज किस भयावह स्थिति में पहुंच गये हैं. आइएमए की जूनियर डॉक्टर्स विंग द्वारा देशव्यापी भूख हड़ताल के आह्वान पर कोलकाता में हड़ताली डॉक्टरों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करने के लिए भारत भर के कई जूनियर डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों ने मंगलवार को 12 घंटे की भूख हड़ताल की.
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