हड़ताली चिकित्सकों ने बैठक के मुख्य बिंदुओं का मसौदा सरकार को सौंपा
आरजी कर कांड को लेकर राज्य भर के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. गतिरोध को समाप्त करने के लिए हड़ताली चिकित्सकों ने राज्य सरकार के साथ हुई बातचीत के अहम बिंदुओं का मसौदा मुख्य सचिव मनोज पंत को भेज दिया है. चिकित्सकों ने बताया कि इमेल में उन बिंदुओं का विवरण दिया गया है, जिन पर दोनों पक्षों में चर्चा हुई और सहमति बनी. साथ ही उन बिंदुओं को भी भेजा गया, जिन पर सहमति नहीं बनी और उनके आधार पर सरकार द्वारा निर्देश जारी किये जाने की उम्मीद है.
कोलकाता.
आरजी कर कांड को लेकर राज्य भर के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. गतिरोध को समाप्त करने के लिए हड़ताली चिकित्सकों ने राज्य सरकार के साथ हुई बातचीत के अहम बिंदुओं का मसौदा मुख्य सचिव मनोज पंत को भेज दिया है. चिकित्सकों ने बताया कि इमेल में उन बिंदुओं का विवरण दिया गया है, जिन पर दोनों पक्षों में चर्चा हुई और सहमति बनी. साथ ही उन बिंदुओं को भी भेजा गया, जिन पर सहमति नहीं बनी और उनके आधार पर सरकार द्वारा निर्देश जारी किये जाने की उम्मीद है. गौरतलब है कि उक्त बैठक में चिकित्सकों ने मरीजों के ‘रेफरल सिस्टम’ में पारदर्शिता, मरीजों को बिस्तर आवंटन, स्वास्थ्य कर्मियों की नियुक्ति और अस्पताल परिसरों में प्रचलित ‘धमकाने की संस्कृति’ को खत्म करने से संबंधित मामले उठाये. बैठक में जूनियर डॉक्टरों ने अस्पतालों की निर्णय लेनेवालीं संस्थाओं में छात्रों का प्रतिनिधित्व, कॉलेज स्तर पर कार्य बल का गठन व कॉलेज काउंसिल और रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के चुनाव कराने जैसे मुद्दे भी उठाये गये. वहीं, दोनों पक्ष रात में मेडिकल कॉलेज में महिला पुलिस अधिकारियों की तैनाती, विभागों द्वारा पैनिक बटन लगाने और त्वरित हस्तक्षेप के लिए हेल्पलाइन स्थापित करने के संबंध में केंद्रीय निर्देश को लागू करने पर सहमत हुए हैं.बता दें कि जूनियर चिकित्सकों और राज्य के मुख्य सचिव सह अन्य अधिकारियों के बीच बुधवार की रात हुई बैठक बेनतीजा रही. गौरतलब है कि नौ अगस्त से आरजी कर सह राज्य भर के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं. उनकी यह हड़ताल पिछले 40 दिनों से जारी है. चिकित्सकों का आरोप है कि राज्य सरकार ने बैठक का लिखित विवरण देने से इंकार कर दिया. बैठक के बाद चिकित्सकों ने घोषणा की कि जब तक सरकार बैठक में हुई सहमति के अनुसार सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की सुरक्षा के संबंध में लिखित निर्देश जारी नहीं कर देती, तब तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी.
प्रदर्शनकारी चिकित्सकों में शामिल डॉ अनिकेत महतो ने कहा : बातचीत तो सुचारू रूप से हुई, लेकिन राज्य सरकार ने उन मुद्दों का हस्ताक्षरित और लिखित विवरण सौंपने से साफ इंकार कर दिया, जिन पर चर्चा हुई. हम सरकार के इस रवैये से निराश और हताश महसूस कर रहे हैं.बुधवार रात नबान्न में हुई थी दूसरे दौर की वार्ता
बता दें कि बुधवार रात दूसरे दौर की वार्ता बैठक राज्य सचिवालय नबान्न में हुई थी, जो बेनतीजा रही. पिछले 48 घंटे में चिकित्सकों और राज्य सरकार के बीच यह दूसरी वार्ता थी. पहले दौर की वार्ता सोमवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कालीघाट स्थित आवास पर हुई थी. प्रदर्शनकारी चिकित्सकों का साॅल्टलेक स्थित राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय स्वास्थ्य भवन के समक्ष धरना-प्रदर्शन 10वें दिन भी जारी है.स्वास्थ्य सचिव के खिलाफ विभागीय जांच से इंकार
बता दें कि, बुधवार को हुई बैठक में आरजी कर कांड में स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम के खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने की मांग जूनियर डॉक्टरों की ओर से की गयी थी, जिसे राज्य सरकार ने अस्वीकार कर दिया. प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने कहा कि सरकार इस बात पर सहमत थी कि हमारी ज्यादातर मांगें जायज हैं और उन्हें तत्काल लागू किया जाना चाहिए. लेकिन बातचीत के अंत में इस बात से निराशा हुई, जब मुख्य सचिव ने बैठक की हस्ताक्षरित कार्रवाई का विवरण देने से इंकार कर दिया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है