2300 करोड़ की लागत से निकासी व्यवस्था होगी दुरुस्त
तीसरे चरण का कार्य जल्द शुरू करेगा. एशियाई विकास बैंक (एडीबी) से बतौर ऋण मिले 2300 करोड़ रुपये इस पर खर्च होंगे.
केइआइआइपी जल्द शुरू करेगा तीसरे चरण का कार्य, छह नये पंपिंग स्टेशन व दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट किये जायेंगे स्थापित
चार बोरो के नौ वार्डों में बूस्टर ड्रेनेज सिस्टम तैयार करने का काम शुरू करने के लिए कोलकाता नगर निगम निविदा प्रक्रिया को फरवरी 2025 तक पूरा कर लेना चाहता है
शिव कुमार राउत, कोलकातामहानगर की निकासी व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कोलकाता पर्यावरण सुधार निवेश कार्यक्रम (केइआइआइपी) तीसरे चरण का कार्य जल्द शुरू करेगा. एशियाई विकास बैंक (एडीबी) से बतौर ऋण मिले 2300 करोड़ रुपये इस पर खर्च होंगे. चार बोरो के नौ वार्डों में बूस्टर ड्रेनेज सिस्टम तैयार करने का काम शुरू करने के लिए कोलकाता नगर निगम निविदा प्रक्रिया को फरवरी 2025 तक पूरा कर लेना चाहता है. निगम के एक आला अधिकारी ने बताया कि तीसरे चरण का कार्य जल निकासी के बुनियादी ढांचे के विकास से संबंधित होगा. इसमें भूमिगत सीवर लाइन, पंपिंग स्टेशन और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की स्थापना शामिल है. इस चरण में छह नये पंपिंग स्टेशन और दो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किये जायेंगे. बोरो 12 के 108 और 109, बोरो 14 के 127, बोरो 15 के 139, 140, 141 और बोरो 16 के 126 (आंशिक), 142 और 143 नंबर वार्ड की निकासी व्यवस्था दुरुस्त की जायेगी. 141, 142 और 143 नंबर वार्ड में बड़े पैमाने पर जल निकासी संबंधी बुनियादी ढांचे का काम होगा, क्योंकि ये वार्ड एडेड एरिया में आते हैं. इन्हें कुछ साल पहले निगम में शामिल किया गया था. सूत्रों के अनुसार, तीसरे चरण में नयाबाद, पश्चिम चौबागा, ईएम बाइपास के मुकुंदपुर क्षेत्र, जोका, बेहला के पास सरसुना और गार्डनरीच इलाके में कार्य होगा. बेहाला, ठाकुरपुकुर, हरिदेवपुर, कुदघाट, टॉलीगंज, गरिया, जादवपुर ऐसे क्षेत्र हैं, जहां केइआइआइपी ने पहले और दूसरे चरण में निकासी और सीवरेज के बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और भूमिगत जल निकासी के लिए पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू कर दिया है. दूसरे चरण का काम अभी भी कुछ क्षेत्रों में पूरा होना बाकी है. कुछ स्थानों पर काम में खामियों के कारण ड्रेनेज लाइन को उलट दिया गया है. इससे न केवल अत्यधिक देरी हुई है, बल्कि नागरिकों को भी परेशानी हो रही है. मेयर फिरहाद हकीम ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे कंसल्टेंट स्तर की नियुक्ति से लेकर विभिन्न चरणों में केइआइआइपी के काम की निगरानी सुनिश्चित करें, ताकि काम को पूर्णता के साथ अंजाम दिया जा सके. दूसरे चरण के जारी कामकाज पर निगरानी रखने के लिए निगम आयुक्त के नेतृत्व में एक निगरानी कमेटी भी बनायी गयी है, जो किसी भी तरह की खामी मिलने पर तुरंत हस्तक्षेप करेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है