ड्रोन आधारित एप्लीकेशन को मत्स्य पालकों तक पहुंचना चाहिए

केंद्रीय मत्स्य विभाग के सचिव डॉ अभिलक्ष लिखी ने मंगलवार को आइसीएआर-केंद्रीय भूमि मत्स्य अनुसंधान संस्थान (सीएलएफआरआइ) बैरकपुर में वैज्ञानिकों, राज्य मत्स्य अधिकारियों, मछुआरों की उपस्थिति में मत्स्य पालन अनुप्रयोग में ड्रोन प्रौद्योगिकी के प्रदर्शन का अवलोकन किया

By Prabhat Khabar News Desk | September 25, 2024 1:51 AM

बैरकपुर. केंद्रीय मत्स्य विभाग के सचिव डॉ अभिलक्ष लिखी ने मंगलवार को आइसीएआर-केंद्रीय भूमि मत्स्य अनुसंधान संस्थान (सीएलएफआरआइ) बैरकपुर में वैज्ञानिकों, राज्य मत्स्य अधिकारियों, मछुआरों की उपस्थिति में मत्स्य पालन अनुप्रयोग में ड्रोन प्रौद्योगिकी के प्रदर्शन का अवलोकन किया. मत्स्य पालन में ड्रोन प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर स्टार्ट-अप द्वारा प्रस्तुति दी गयी. यह बताया गया कि कैसे ड्रोन निगरानी, अवलोकन, संसाधन प्रबंधन, खेत प्रबंधन और मछली के परिवहन को बढ़ाकर मत्स्य पालन और जलीय कृषि गतिविधियों जैसे संचालन में क्रांति ला सकते हैं. इस दौरान राज्य सरकार के भी संबंधित विभाग के अधिकारी वर्चुअल कॉन्फ्रेंस (वीसी) के माध्यम से इस कार्यक्रम में शामिल हुए.

मौके पर डॉ लिखी ने कहा कि ड्रोन आधारित एप्लीकेशन को व्यापक उपयोग के लिए मछली पालकों तक पहुंचना चाहिए. आइसीएआर-सीआइएफआरआइ द्वारा शुरू की गयी पायलट परियोजना मछली पालन क्षेत्र में नये क्षितिज खोलेगी, क्योंकि इससे कम समय और न्यूनतम मानवीय भागीदारी के साथ ताजा मछली के परिवहन के लिए एक प्रभावी और आशाजनक विकल्प उपलब्ध होगा.

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