Durga Puja 2024 : पश्चिम बंगाल के सबसे महत्वपूर्ण उत्सव, दुर्गापूजा का आगाज हो चुका है. महानगर की सड़कों पर लाखों की संख्या में दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ने लगी है. इस वर्ष महानगर के पूजा पंडालों ने बेहतरीन थीम के साथ पूजा पंडाल बनाये हैं. इस बार के दुर्गापूजा में तिरुपति बालाजी मंदिर, तो कहीं पुरी के जगन्नाथ मंदिर से लेकर अमेरिका के लॉस वेगास स्फीयर की प्रतिमूर्ति देखने को मिलेगी. बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार माने जाने वाले दुर्गा पूजा में बेहतरीन और खूबसूरत पंडाल मुख्य आकर्षण होते हैं. इस साल, कोलकाता के दुर्गापूजा पंडालों ने बेहतरीन थीम और लुभावनी कलात्मकता के साथ लोगों का ध्यान खींचा है.
- लास वेगास स्फीयर (संतोष मित्रा स्क्वायर) : वेगास स्फीयर से प्रेरित, यह पंडाल आगंतुकों को रोशनीलास वेगास स्फीयर (संतोष मित्रा स्क्वायर) : के शहर में ले जाता है, जो नियॉन लाइट और चमकदार सजावट से भरा है, पिछले साल उन्होंने अयोध्या के राम मंदिर की प्रतिकृति बनाई थी.
- ग्रीन दुर्गा पूजा (लालबागान) : कोलकाता के लालबागान में 8,000 पौधों से बना यह अद्भुत दुर्गा पूजा पंडाल पर्यावरण के महत्व और पर्यावरण के अनुकूल होने का संदेश देता है.
- वर्षा जल संरक्षण पंडाल (साल्टलेक) : साल्ट लेक में वर्षा जल संरक्षण पंडाल न केवल शानदार है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी है. एक सुंदर झरने और हरे-भरे सजावट के साथ, पंडाल एक शांत वातावरण बनाता है.
- मेट्रो रेल पंडाल (जगत मुखर्जी पार्क) : इस पंडाल का थीम बंगाल द्वारा सती प्रथा को समाप्त करने में निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर केंद्रित है. यह भारत के कुछ हिस्सों में अभी भी प्रचलित बाल विवाह की प्रथा को भी क्रिटिसाइज करता है.
- वाराणसी के घाट (चेतला अग्रणी) : महानगर के चेतला अग्रणी दुर्गा पूजा पंडाल में मंदिरों के शहर काशी (वाराणसी) का माहौल दिखता है. इस पंडाल में प्रतीकात्मक गंगा आरती और हर-हर महादेव के शक्तिशाली मंत्रों का प्रदर्शन किया गया है.
- गार्डन थीम (गरियाहाट) : दक्षिण कोलकाता में त्रिधारा सम्मिलनी ने पारंपरिक भारतीय प्रांगण का प्रतिनिधित्व करते हुए “आंगन” थीम को अपनाया है. इसमें भारत के पारंपरिक आंगन को दर्शाया गया है.
- लाइव पंडाल (बागुईहाटी) : बागुईहाटी में अर्जुनपुर आमरा सबाई क्लब ने एक शानदार लाइव पंडाल पेश किया है, जो कोलकाता की दुर्गापूजा की सच्ची भावना को दर्शाता है. थीम मौजूदा शासन के तहत बढ़ती आर्थिक असमानता और सांस्कृतिक भेदभाव को संबोधित करती है.
- कोलकाता की खोई हुई कला (बेहाला) :बेहाला में दक्षिणंदरी युवा सार्वजनिन पंडाल कोलकाता की लंबे समय से खोई हुई संस्कृति को खूबसूरती से दर्शाता है.
- वेस्ट मटिरियल से बनी मूर्ति (दक्षिण पाड़ा) : दक्षिणपारा दुर्गोत्सव उन कुछ दुर्गा पूजा समारोहों में से एक के रूप में उभरा है, जिसने इस साल बहुत लोकप्रियता हासिल की है. पूरा पंडाल औजारों और धातु की चादरों जैसे वेस्ट से तैयार किया गया है.