डॉक्टरों के आंदोलन को हो रही राजनीतिक रंग देने की कोशिश
जूनियर और सीनियर डॉक्टरों के आंदोलन के बीच जूनियर चिकित्सकों के एक और नये संगठन का उदय हुआ है.
संवाददाता, कोलकाता
जूनियर और सीनियर डॉक्टरों के आंदोलन के बीच जूनियर चिकित्सकों के एक और नये संगठन का उदय हुआ है. इसका नाम है- वेस्ट बंगाल प्रोग्रेसिव जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन. दावा किया जा रहा है कि इसका गठन दिसंबर 2013 में हुआ था. संगठन की ओर से मंगलवार को कोलकाता प्रेस क्लब में संवाददाता सम्मेलन किया गया. एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने आरजी कर कांड को लेकर वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट के आंदोलन का समर्थन किया. जबकि वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन पर निशाना साधते हुए उसके सदस्यों को गुंडा बताया. प्रोग्रेसिव जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ राजीव विश्वास ने बताया कि वे जूनियर डॉक्टरों के आंदोलन का समर्थन करते हैं.
साथ ही वे भी मृतका के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं. थ्रेट कल्चर का भी विरोध करते हैं. राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में शांति व्यवस्था बनी रहे, यह हमारी प्राथमिकता है. लेकिन कुछ वाम समर्थित चिकित्सक संगठन इस आंदोलन पर अपनी छाप छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं. आंदोलन को राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रहे हैं. ममता बनर्जी की सरकार बनने के बाद राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन हुआ है. हम भी जल्द ही महानगर में विशाल जनसभा करेंगे. त्योहारी सीजन समाप्त होते ही मृतका के लिए न्याय की मांग पर सीबीआइ दफ्तर का घेराव करेंगे.
उधर, जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन की ओर से प्रोग्रेसिव जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के बयान का खंडन किया गया है. इस संबंध में जूनियर डॉक्टर अरित्रा मंडल ने कहा कि आरजी कर कांड को लेकर हम पहले दिन से ही आंदोलन कर रहे हैं. प्रोग्रेसिव जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन हमें बदनाम करने की कोशिश कर रहा है.
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