कोलकाता. दक्षिण कोलकाता के जादवपुर व टॉलीगंज इलाकों में जल संकट दूर करने के लिए कोलकाता नगर निगम पूरा प्रयास कर रहा है. 91 करोड़ की लागत से 25 बूस्टर पंपिंग स्टेशन बनाये जा रहे हैं. उक्त क्षेत्रों में जलापूर्ति व्यवस्था पर विगत पांच वर्षों में 200 करोड़ से अधिक रुपये निगम खर्च कर चुका है. ये बातें कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने कहीं. वह शुक्रवार को निगम के मासिक अधिवेशन में तृणमूल पार्षद अरिजीत दास ठाकुर द्वारा पूरे गये एक सवाल के जवाब में बोल रहे थे. दरअसल, तृणमूल पार्षद ने सवाल उठाया था कि जादवपुर विधानसभा क्षेत्र के 10 वार्डों में पेयजल की किल्लत है. यहां के लोगों को पेयजल के लिए डीप ट्यूबवेल पर निर्भर रहना पड़ता है. इसके जवाब में मेयर ने कहा कि जादवपुर व टॉलीगंज क्षेत्र में पेयजल की समस्या है. इसके समाधान के लिए हम काम भी कर रहे हैं. उक्त क्षेत्रों में गार्डेनरीच वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से जलापूर्ति की जाती है. यहां 2010 से 2019 तक 23 बूस्टर पंपिंग स्टेशन थे. वर्ष 2019 के बाद 91 करोड़ 15 लाख रुपये की लागत से 15 बूस्टर पंपिंग स्टेशन बनाये गये. और 25 बूस्टर पंपिंग स्टेशन बनाये जा रहे हैं, जिस पर करीब 133 करोड़ रुपये खर्च होंगे. साथ ही और सात बूस्टर पंपिंग स्टेशन बनाने की योजना है. इसके लिए अब तक जमीन चिह्नित नहीं की गयी है. मेयर ने बताया कि जादवपुर व टॉलीगंज में फिलहाल 24.26 मिलियन गैलन पानी की आपूर्ति की जाती है. 25 बूस्टर पंपिंग स्टेशन बन जाने से और 60 मिलियन गैलन जल की आपूर्ति होगी. प्रस्तावित सात बूस्ट पंपिंग स्टेशन के बनने से और आठ मिलियन गैलन पेयजल की आपूर्ति हो सकेगी. मेयर ने बताया कि जादवपुर, टॉलीगंज व गरिया इलाके में जलापूर्ति के लिए धापा में एक और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाने का काम जारी है. यहां प्रतिदिन 20 मिलियन गैलन पानी का शोधन किया जायेगा. करीब 110 करोड़ रुपये की लागत से यह कार्य पूरा होगा. वहीं, पाइन लाइन बिछाने के लिए 250 करोड़ रुपये खर्च होंगे. आगामी दो वर्ष के भीतर उक्त सभी परियोजनाओं का कार्य पूरा हो कर लिया जायेगा. इसके बाद जादवपुर और टॉलीगंज में जल संकट पूरी तरह से खत्म हो जायेगा.
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