शहरी विकास से जुड़ीं चिंताओं को दर्शायेगा ‘एक टुकड़ा आकाश’
यह थीम कोलकाता में शहरी विकास से जुड़ीं चिंताओं पर प्रकाश डालती है, खास तौर पर ऊंची इमारतों के निर्माण पर, जिन्होंने शहर के क्षितिज को बदल दिया है और इसकी प्राकृतिक सुंदरता को धुंधला कर दिया है.
कोलकाता. बंगाल के गौरवपूर्ण त्योहार दुर्गापूजा उत्सव में अब कुछ ही दिन का समय शेष बचा है. इसके साथ ही सेंट्रल कोलकाता में तारा चंद दत्ता स्ट्रीट के पास यंग ब्वॉयज क्लब की ओर से 55वें वर्ष में ‘एक टुकड़ा आकाश’ थीम पर मंडप निर्माण किया जा रहा है. यह थीम कोलकाता में शहरी विकास से जुड़ीं चिंताओं पर प्रकाश डालती है, खास तौर पर ऊंची इमारतों के निर्माण पर, जिन्होंने शहर के क्षितिज को बदल दिया है और इसकी प्राकृतिक सुंदरता को धुंधला कर दिया है. जबकि इस विकास ने बढ़ती आबादी को रहने का आशियाना प्रदान किया है, इसने खुली जगहों के साथ प्राकृतिक प्रकाश को भी कम किया है. इसके कारण नीला आकाश अब कंक्रीट की संरचनाओं के पीछे छिपता जा रहा है.
क्लब के मुख्य आयोजक राकेश सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस वर्ष हम अपने आयोजन का 55वां वर्ष मना रहे हैं. हम इस आयोजन में न केवल अपनी परंपराओं का सम्मान कर रहे हैं, बल्कि शहरीकरण के बीच हमारे शहर पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में ध्यान देने की तत्काल आवश्यकता पर भी प्रकाश डाल रहे हैं. ‘एक टुकड़ा आकाश’ हमें उस सुंदरता की याद दिलाता है, जो हम निरंतर विकास के कारण खो रहे हैं. हम सभी को उन जगहों पर चिंतन करने के लिए प्रोत्साहित करता है, जहां हम रहते हैं. यंग ब्वॉयज क्लब के युवा अध्यक्ष विक्रांत सिंह ने कहा कि हमारी थीम युवा पीढ़ी को साथ गहराई के साथ जोड़ रही है, जो हमारे पर्यावरण में हो रहे बदलावों के बारे में तेजी से जागरूक हो रहे हैं. क्लब के सह-आयोजक विनोद सिंह ने बताया कि इस वर्ष हमारा लक्ष्य एक ऐसा अनुभव बनाना है, जो न केवल हमारी सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाये, बल्कि हमारे सामने आने वाली शहरी चुनौतियों के बारे में युवाओं के बीच जागरूकता फैलाने के साथ बातचीत को भी बढ़ावा दे.
इस वर्ष मंडप में कलाकार सौविक काली द्वारा तैयार की गयी कलात्मक दृष्टि यहां आने वाले आगंतुकों को शहरी फ्लैटों के घने समूह की याद दिलाने वाले वातावरण में डूबो देगी. बांस, लकड़ी और लोहे का उपयोग करते हुए यह मंडप शहरीकरण की स्थिति को दर्शायेगा. जबकि सीमेंट और ईंट का समावेश परंपरा और आधुनिकता के बीच के अंतर को दर्शायेगा. लाइटिंग की जिम्मेदारी विश्वजीत साहा को दी गयी है, जबकि कलाकार परिमल पाल द्वारा डिजाइन की गयी मूर्तियां मंडप में पारंपरिक शिल्प कौशल की खूबसूरत झलक पेश करेंगी.
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