””संजय राय को फांसी होती, तो भी हम खुश नहीं होते””
सियालदह कोर्ट के बाहर सोमवार को चिकित्सक एवं नागरिक समाज के लोग इंसाफ की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे.
बोले प्रदर्शनकारी डॉक्टर : अन्य दोषियों को भी जब तक सजा नहीं मिल जाती, हम चुप नहीं बैठेंगे
संवाददाता, कोलकातासियालदह कोर्ट के बाहर सोमवार को चिकित्सक एवं नागरिक समाज के लोग इंसाफ की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे. प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने कहा कि यदि संजय राय को फांसी भी दे दी जाती, तब भी वे इससे संतुष्ट नहीं होते. क्योंकि घटना में संजय ही एकमात्र दोषी नहीं है. जब तक अन्य दोषियों को भी सजा नहीं मिल जाती, तब तक उन्हें संतुष्टि नहीं मिलेगी. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सीबीआइ और कोलकाता पुलिस की मिलीभगत से जांच हो रही है. कोर्ट के बाहर अभया मंच की ओर से धरना भी दिया गया. मंच से चिकित्सकों ने एलान किया कि मृतका को न्याय दिलाने की लड़ाई जारी रखेंगे. वेस्ट बंगाल डॉक्टर्स फोरम के सदस्य डॉ पुण्यब्रत गुण ने कहा कि आरजी कर की घटना में अन्य लोग भी शामिल हैं. सभी आरोपियों को सजा मिलेगी, तभी हमें और मृतका की आत्मा को शांति मिलेगी.जज से नहीं, हमारी नाराजगी जस्टिस से
आरजी कर मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर ए नाइया ने भी कहा कि सभी दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाये. कोर्ट द्वारा घटना को रेयरेस्ट ऑफ रेयर मानने से इंकार करने पर डॉ नाइया ने सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि हर किसी को कोर्ट के फैसले की आलोचना करने का अधिकार है. मेरा मानना है कि आरजी कर की घटना विश्व की दुर्लभ घटना है. मुझे नहीं लगता कि दुनिया में कहीं और ऐसा हुआ है. महिला डॉक्टर अपने कार्यस्थल पर लोगों की जान बचाने के लिए काम कर रही थी और वहीं उसे अपनी जान देनी पड़ी. इस घटना ने सभी के मन में भय पैदा कर दिया है. हर कोई सोच रहा है कि अगर अस्पताल में यह हाल है, तो दूसरी जगह क्या होगा. मुझे लगता है कि दुर्लभतम मामलों में यह सजा छोटी है. हम जज यानी किसी व्यक्ति विशेष का विरोध नहीं कर रहे है. पर जो जस्टिस मिला है, उससे हम खुश नहीं हैं. हमारी लड़ाई फिलहाल रुकने वाली नहीं है. हमारी जंग भविष्य में एक उदाहरण बनेगी.
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