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वित्तीय भ्रष्टाचार में आरोप तय करने की समय-सीमा में वृद्धि

कलकत्ता हाइकोर्ट के जज जयमाल्य बागची की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष की उस याचिका को स्वीकार कर लिया है.

आरजी कर अस्पताल का मामला

संवाददाता, कोलकाता

कोलकाता. कलकत्ता हाइकोर्ट के जज जयमाल्य बागची की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने आरजी कर के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष की उस याचिका को स्वीकार कर लिया है, जिसमें उन्होंने आरोप तय करने के लिए समय-सीमा बढ़ाने की मांग की थी. मामले की सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने डॉ संदीप घोष के अधिवक्ता को दस्तावेजों की जांच के लिए अतिरिक्त समय दिया है.

संदीप घोष समेत अन्य आरोपियों के आवेदन के आधार पर ऊपरोक्त खंडपीठ ने कहा कि आरोपियों के प्रतिनिधि चाहें तो सीबीआइ कार्यालय जाकर दस्तावेजों का सत्यापन कर सकते हैं. यदि कोई दस्तावेज अभियुक्त के पास उपलब्ध नहीं है या अस्पष्ट है तो सीबीआइ उसे उपलब्ध करायेगी. इसके लिए न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने आदेश दिया है कि आरोपियों के वकील शनिवार और रविवार को सुबह 10 बजे सीबीआइ कार्यालय जाकर अपने पास मौजूद दस्तावेजों का सीबीआइ दस्तावेजों से सत्यापन करा सकते हैं. खंडपीठ ने सभी पक्षों को आदेश दिया है कि वे सोमवार को इस मामले में प्रगति के बारे में विशेष सीबीआइ अदालत को सूचित करें. हाइकोर्ट में मामले की अगली सुनवाई मंगलवार को होगी. इसके बाद अदालत आरोप तय करने के लिए समय-सीमा निर्धारित करेगी. यह मामला न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष के आदेश पर पुनर्विचार करने और उसे वापस लेने की मांग को लेकर दायर किया गया था. न्यायमूर्ति तीर्थंकर घोष ने मामले को खारिज कर दिया था. इस आदेश को चुनौती देते हुए तीन आरोपियों संदीप घोष, सुमन हाजरा और आशीष पांडे ने न्यायमूर्ति जयमाल्य बागची की खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया था, जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने यह आदेश दिया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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