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तीन जिलों में सक्रिय है फर्जी पासपोर्ट बनानेवाला गिरोह

राज्य के तीन जिलों में फर्जी पासपोर्ट बनाने वाला गिरोह सक्रिय है.

डाक विभाग के अस्थायी कर्मचारी को एक पासपोर्ट के लिए मिलते थे पांच से आठ हजार तक रुपये

गिरोह के अन्य सदस्यों की 
तलाश जारी

संवाददाता, कोलकाता

राज्य के तीन जिलों में फर्जी पासपोर्ट बनाने वाला गिरोह सक्रिय है. ऐसी ही जानकारी कोलकाता पुलिस के सुरक्षा नियंत्रण संगठन (एससीओ) को मिली है. पुलिस ने डाक विभाग के एक अस्थायी कर्मचारी को घुसपैठ करने वाले बांग्लादेशियों के लिए फर्जी पासपोर्ट बनाते हुए भी पकड़ा था. फर्जी पासपोर्ट के मामले में पुलिस अब तक चार लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. इनसे पूछताछ में इनके तीन जिलों में सक्रिय होने की जानकारी मिली है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक उत्तर 24 परगना पासपोर्ट सेवा केंद्र के अस्थायी कर्मचारी तारकनाथ सेन अबतक 200 से अधिक फर्जी पासपोर्ट बना चुका है. हालांकि, पुलिस को 73 फर्जी पासपोर्ट के बारे में ही जानकारी मिली है.

खुफिया सूत्रों के मुताबिक, फर्जी पासपोर्ट गिरोह का मास्टरमाइंड समरेश विश्वास और उसका बेटा रिपन विश्वास उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना और नदिया के फर्जी पासपोर्ट गिरोह से सीधे संपर्क में थे. गिरोह के एजेंट और सब एजेंट बांग्लादेशी घुसपैठियों के संपर्क में रहते थे. समरेश और रिपन इन जिलों में पासपोर्ट सेवा केंद्रों और डाकघरों में गतिविधियों की निगरानी का काम करते थे. इस केंद्र और डाक विभाग के कुछ अस्थायी कर्मचारियों को समरेश ने अपने गिरोह में शामिल किया था. हालांकि, इस बार पुलिस की नजर बारासात और सीमावर्ती इलाकों के कुछ ऐसे लोगों पर है, जो फर्जी आधार और वोटर कार्ड बनाने का काम करते हैं. डाक विभाग के अस्थायी कर्मचारियों को प्रति पासपोर्ट पांच हजार से आठ हजार रुपये का भुगतान किया जाता था. पुलिस ने बताया कि इस गिरोह के कुछ अन्य सदस्यों की भी तलाश जारी है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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