संवाददाता, कोलकाता
पश्चिम बंगाल क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट रेगुलेटरी कमीशन (डब्ल्यूबीसीइआरसी) ने रेड्डी डायग्नोस्टिक क्लिनिक पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. एक मरीज का गलत परीक्षण करने के कारण यह जुर्माना लगाया गया है.
डब्ल्यूबीसीइआरसी के अनुसार, देबाशीष मंडल अपनी गर्भवती पत्नी को डायग्नोस्टिक परीक्षण के लिए कई बार इस क्लिनिक में ले गये थे. महिला पर तीन अलग-अलग डॉक्टरों द्वारा तीन बार स्कैन किये गये और तीनों रिपोर्ट ही गलत थीं. तीनों रिपोर्टों में कहा गया था कि गर्भ में एक भ्रूण था, जबकि प्रसव के दौरान महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया, जबकि दूसरा मृत बच्चा पाया गया.
स्कैन रिपोर्ट दूसरे का पता लगाने में विफल रही. मरीज के परिजनों ने डब्ल्यूबीसीइआरसी में शिकायत दर्ज करायी. आयोग ने कहा कि स्कैन तीन चरणों में किये गये थे, लेकिन तीनों रिपोर्ट गलत थीं. तीन अलग-अलग डॉक्टरों द्वारा तीन अलग-अलग परीक्षणों के बावजूद, परीक्षण यह निर्धारित नहीं कर सके कि गर्भ में दो भ्रूण हैं. डब्ल्यूबीसीइआर के चेयरमैन जस्टिस (सेवानिवृत्त) असीम बनर्जी ने कहा कि डायग्नोस्टिक सेंटर से दो लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा है.
एक अन्य घटना में डब्ल्यूबीसीइआरसी ने बेलव्यू क्लिनिक पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया है, क्योंकि अस्पताल की ओर से कुछ लापरवाही बरती गयी थी.
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