कोलकाता. राज्य के सात जिले बाढ़ से बुरी तरह से प्रभावित हैं. सीएम ममता बनर्जी के बाद अब कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने भी इस प्राकृतिक आपदा को ””””मैन मैड”””” बाढ़ बताया है. बुधवार को निगम के मासिक अधिवेशन में तृणमूल पार्षद विश्वरूप दे ने गंगा तटों के कटाव और बढ़ते जलस्तर पर एक प्रस्ताव पेश किया था. इस प्रस्ताव के समर्थन में तृणमूल पार्षद रत्ना सूर ने कहा कि कोलकाता के कुदघाट और टालीगंज में टाली नाले (आदि गंगा) के पानी की निकासी के कारण आसपास के घरों में दरारें पड़ रही हैं. उन्होंने इस पर चिंता भी जतायी. इस प्रस्ताव पर मेयर फिरहाद हकीम ने जवाब देते हुए कहा : अभी हाल में ही कुछ दिन पहले गंगा में ज्वार के कारण टॉली नाले के आसपास स्थित काली घाट इलाके में पानी घुस गया था. खुद सीएम ममता बनर्जी के आवास में पानी घुस गया था. मेयर ने कहा : हमें उन लोगों के बारे में सोचना चाहिए, जो लंबे समय से बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं. ऐसे लोगों की क्या हालत है? इसके बाद उन्होंने कहा : डीवीसी से पानी छोड़े जाने के कारण राज्य के विभिन्न जिलों में बाढ़ आयी है. यह मानव निर्मित बाढ़ है. जिस तरह से बांध का पानी छोड़ा गया है, उससे कई जिले जलमग्न हो गये हैं.बता दें कि सीएम ममता बनर्जी ने बाढ़ को लेकर दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) की भूमिका पर सवाल उठाये थे. सीएम के बाद कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम ने भी बुधवार को डीवीसी की भूमिका पर सवाल उठाये. उन्होंने कहा कि डीवीसी के बांधों की जल धारण क्षमता कम हो गयी है, क्योंकि बांधों की डिसिल्टिंग वर्षों से नहीं की गयी है.
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