बाघ के हमले में घायल मछुआरे को मिला नया जीवन
कुछ लोग अपनी कहानियां सुनाते हैं, जबकि अन्य बाघ का शिकार बन जाते हैं. सुंदरवन के निवासियों के लिए यह एक निरंतर संघर्ष है.
17 अगस्त को बाघ के हमले में हो गया था बुरी तरह घायल संवाददाता, कोलकाता कुछ लोग अपनी कहानियां सुनाते हैं, जबकि अन्य बाघ का शिकार बन जाते हैं. सुंदरवन के निवासियों के लिए यह एक निरंतर संघर्ष है. आंकड़ों के अनुसार, सुंदरवन में प्रत्येक वर्ष बाघ के हमले से 30 से अधिक लोगों की जाने जाती हैं, जबकि घायलों की संख्या काफी अधिक है. उल्लेखनीय है कि 17 अगस्त को सुंदरवन के रहने वाले गौर मंडल जंगल में मछली पकड़ने के लिये गये थे, उसी समय बाघ ने उन पर हमला कर दिया था, जिससे उन्हें गंभीर चोटें आयी थीं. बाघ ने उनके गर्दन के दाहिने हिस्से को फाड़ दिया था. हमले के बाद, श्री मंडल को तुरंत स्थानीय अस्पताल ले जाया गया और बाद में उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए, उन्हें मणिपाल हॉस्पिटल, ढाकुरिया में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां डॉक्टरों की एक विशेष टीम ने उनका इलाज किया. आपातकालीन टीम ने तुरंत उनकी स्थिति को स्थिर करने के लिए एक महत्वपूर्ण सर्जरी की. श्री मंडल को एक जटिल ऑपरेशन से गुजरना पड़ा, जिसमें पोस्टिरियर सर्वाइकल डिकंप्रेशन शामिल था, ताकि स्थानीय शिराओं और रीढ़ की हड्डी के दबाव को कम किया जा सके. मणिपाल हॉस्पिटल, ढाकुरिया के न्यूरोसर्जन डॉ निरुप दत्ता ने सर्जिकल टीम का नेतृत्व किया.
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