Loading election data...

चक्रवाती तूफान अम्फान में डूबा फ्लोटिंग मार्केट, सामान सहित नावें डूबीं, दुकानदार परेशान

चक्रवाती तूफान अम्फान के कारण महानगर के पाटूली झील में फ्लोटिंग बाजार की दुकानें डूब गयी है. नाव पर बनीं सभी दुकानें डूबने से यहां के दुकानदारों की बची-खुची आशाएं भी डूब गयी हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 27, 2020 10:18 PM

कोलकाता : चक्रवाती तूफान अम्फान के कारण महानगर के पाटूली झील में फ्लोटिंग बाजार की दुकानें डूब गयी है. नाव पर बनीं सभी दुकानें डूबने से यहां के दुकानदारों की बची-खुची आशाएं भी डूब गयी हैं. पढ़ें शिव कुमार राउत की रिपाेर्ट.

महानगर के पाटूली झील को दो साल पहले केएमडीए ने बतौर ‘यूनिक वेंचर’ बैंकॉक की तर्ज पर फ्लोटिंग बाजार में तब्दील किया था. इस बाजार में नावों पर दुकानें लगायी जाती हैं. जहां फल, सब्जी, चिकन, मछली व अन्य खाद्य सामग्री बेची जाती है. शुरू- शुरू में यह बाजार लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा, लेकिन बाद में सेल्फी प्वाइंट बन कर रह गया, जिससे यहां की दुकानदारों की दुकानें डगमगाते हुए चल रही थी. चक्रवाती तूफान अम्फान के कारण सभी नाव पर बनीं दुकानें डूब गयी हैं. इसके साथ ही दुकानदारों की बची-खुची आशाएं भी डूब गयी हैं. आहत दुकानदारों का कहना है कि लॉकडाउन के कारण व्यवसाय वैसे ही ठप पड़ा था. अब तो दुकानें डूब जाने से सारी पूंजी ही डूब गयी है.

Also Read: राज्य की अनुमति के बगैर ट्रेनों को भेजने पर ममता बनर्जी ने जतायी नाराजगी, प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की

गौरतलब है कि कोलकाता बाजार विकास प्राधिकरण (KMDA) ने करीब नौ करोड़ की लागत से इसे जनवरी 2018 में शुरू किया था, तब यहां 114 नावों में 228 दुकानें लगती थीं, लेकिन अब नजारा कुछ अलग ही है. तूफान के कारण उनमें से 8-10 को छोड़ कर सभी नौकाएं डूब चुकी हैं. बाजार कमेटी के सचिव गोपाल नस्कर ने बताया कि तूफान ने पूरे बाजार को उजाड़ दिया है. फ्लोटिंग मार्केट में दुकानदार फुटपाथ पर आ गये हैं. व्यवसायी फुटपाथ पर दुकान लगाने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि तूफान के बाद झील की निकासी व्यवस्था पर भी असर पड़ा है.

महीनों से खराब पड़ी है वाटर टीट्रमेंट मशीन

बाहर से डिजनीलैंड जैसे लगनेवाले इस झील बाजार में इलाके का गंदा पानी गिरता है. ऐसे में यहां के पानी को ट्रीट करनेवाली वाटर ट्रीटमेंट मशीन पिछले कई महीनों से खराब पड़ी है. वाटर ट्रीटमेंट नहीं होने से झील का पानी एकदम हरा हो गया है और इसमें पनपते डेंगू- मलेरिया के मच्छर बैठे-बिठाये संक्रामक बीमारियों का न्योता दे रहे हैं, लेकिन प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. इस पानी में तो बत्तखों का भी बुरा हाल हो गया है. उजले- सफेद से दिखने वाले यह बत्तख काले पड़ गये हैं. वहीं, झील के चारों ओर झाड़ भी उग आये हैं. पानी से दुर्गंध उठ रहा है. बाजार की इस हालत की सूचना केएमडीए को दी गयी है.

Also Read: पश्चिम बंगाल में स्कूल 30 जून तक बंद, तय तिथि पर होगी 12वीं की परीक्षा

जल्द ही होगा यहां काम शुरू

कोलकाता विकास प्राधिकरण के चीफ इंजीनियर सुप्रिया माइटी ने कहा कि यह सही है कि अभी बाजार की स्थिति खराब है. तूफान अम्फान के कारण बाजार उजड़ गया है. जहां तक बाजार की देख-रेख व मरम्मत की बात है, जल्द ही यहां काम शुरू हो जायेगा. पानी की सफाई करायी जायेगी. एक बार फिर से बाजार पहले जैसा ही मिलेगा.

Also Read: भाजपा ने ममता सरकार के खिलाफ दिया चार्जशीट, कहा- 9 साल में राज्य सरकार पूरी तरह रही है असफल

सुधार के लिए साढ़े चार करोड़ रुपये आवंटित

पश्चिम बंगाल हॉकर्स संग्राम कमेटी के महासचिव शक्तिमान घोष ने कहा कि बाजार की अव्यवस्था में सुधार के लिए राज्य सरकार ने साढ़े चार करोड़ रुपये आवंटित किये हैं. जल्द ही केएमडीए के अधिकारी बाजार का दौरा भी करेंगे और काम शुरू करेंगे.

Next Article

Exit mobile version