सीपीए मुद्दे पर हड़ताल जारी रखेगा फोरडा व एफआइएमए

चिकित्सकों के कई प्रमुख संगठनों ने मंगलवार को घोषणा की कि जब तक स्वास्थ्य मंत्रालय ‘क्लीनिकल प्रैक्टिस भत्ते’ (सीपीए) के मुद्दे पर ठोस कार्रवाई नहीं करता, तब तक वे हड़ताल जारी रखेंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | August 21, 2024 1:38 AM

फोरडा और एफएआइएमए ने आरजी कर मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद जारी किया बयान

एजेंसियां, कोलकाता/नयी दिल्ली

चिकित्सकों के कई प्रमुख संगठनों ने मंगलवार को घोषणा की कि जब तक स्वास्थ्य मंत्रालय ‘क्लीनिकल प्रैक्टिस भत्ते’ (सीपीए) के मुद्दे पर ठोस कार्रवाई नहीं करता, तब तक वे हड़ताल जारी रखेंगे. फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोरडा) और फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (एफएआइएमए) ने हड़ताल के नौवे दिन मंगलवार को आरजी कर अस्पताल में दुष्कर्म और हत्या मामले में उच्चतम न्यायालय की सुनवाई के बाद बयान जारी किये.

एफएआइएमए ने कहा, ‘कोलकाता में चिकित्सक के दुष्कर्म और हत्या मामले में उच्चतम न्यायालय की सुनवाई के बाद, एसोसिएशन ने सभी संबद्ध रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) के साथ एक अखिल भारतीय स्तर की बैठक की.’ बयान में कहा गया है कि एसोसिएशन ने हितधारकों के साथ गहन विचार-विमर्श के बाद तब तक हड़ताल जारी रखने का निर्णय लिया है, जब तक कि स्वास्थ्य मंत्रालय सीपीए के मुद्दे पर ठोस कार्रवाई नहीं करता.

चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा पर न्यायालय की समिति के साथ काम करेगी आइएमए : वहीं, चिकित्सा पेशेवरों पर हमले रोकने के लिए उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप का स्वागत करते हुए आइएमए ने मंगलवार को एक आंतरिक पत्र में कहा कि वह सुरक्षा और अन्य संबंधित मामलों पर न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति के साथ काम करेगी. साथ ही, उसने इस बात पर जोर दिया कि हिंसा पर केंद्रीय अधिनियम के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता.

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) नेतृत्व द्वारा संगठन के सभी राज्य अध्यक्षों एवं सचिवों तथा स्थानीय शाखा अध्यक्षों एवं सचिवों को भेजे गये एक पत्र में कहा गया है कि हिंसा पर केंद्रीय कानून पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता है और केंद्र इस संबंध में उचित निर्णय लेने में सक्षम है.

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